अच्छा सुनो अब ग़ौर से
ये जो चीख-चीख के कह रही है
उनके शोर से।
तुम ना इंसान हो ना शैतान हो
ना जाने किस जल्लाद की औलाद हो।।
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देवी को समझ बैठें जैसे ये तुम्हारे
बाप का माल हो।
इन दरिंदो की कौनसी जात है
ना ही तिनके भर की औकात है
अपनी हवस को पूरी कर समझते
ख़ुद को बलवान है।।
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सच्चाई तो ये है इस दुनिया की,समाज की
ना कुछ कर पाए हैं, ना कर पाएंगे।
फिर से ये दरिंदें यहीं पाप दोहराएंगे।।
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आप बोलते रह जाएंगे की सज़ा
हम दिलाएंगे।
पर आखिर में होगा क्या ये दरिंदें
खुलेआम सीना ताने चले जाएंगे।।
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