जो दूसरों कि खुशियों के लिए, खुद दर्द सहन करती है, वो एक औरत ही तो होती है। जो अपने परिवार के लिए, सब कुछ छोड़ देती है, वो एक औरत ही तो होती है। जो दूसरों को ज़िन्दगी देकर, खुद पल-पल मरती है, वो एक औरत ही तो होती है।
फर्क एक थप्पड़ उसने मारा अपने घरवालों के सामने तो लड़की चुप रही, एक थप्पड़ जब लड़की ने अपने घरवालों के सामने लड़के को मारा तो लड़के ने खुद को बेइज्जत महसूस किया।
क्या लड़की की कोई इज्ज़त नहीं होती जो आए दिन ससुराल में किसी न किसी बात पे जलील होती है???
अपना अस्तित्व ध्वस्त कर लेती हैं नियमों को पोषित करने के लिए वो दोषारोपण भी नहीं करतीं बस...स्वीकार कर लेती हैं उन्हें, जानते हुए भी कि ये मार्ग स्वत्व का भक्षण करने वाला है...
नारी है सृष्टि का आधार मत अबला सोच इसे देश के रणबांकुरे हैं इसी के गर्भ में पले नहीं है तेरी आँखों में सम्मान तो नजरें अपनी नीचे कर ले प्रेम की पराकाष्ठा है गौरी तो क्रोध की ज्वाला काली है चाहे किया हो शोषण कितना आज फिर भी सर उठाये खड़ी है अपशब्द कहने से पहले सोच जरा स्त्री किसी रूप में तुझसे भी जुड़ी है माँ बिन संसार नहीं बहन बिटिया बिन तीज त्यौहार नहीं दोस्त बिन मुसकान नहीं प्रेयसी बिन प्रेम नहीं पत्नी बिन सम्मान नहीं किस रूप को तू धिक्कार रहा है माँ का गर्भ तेरा भी आधार रहा है माँ के सामने माँ को गाली निकाल जाते हो अपने घर की औरतों को चारदीवारी में रख खुद दरवाजा कहीं और का खटखटाते हो टिप्पणी करने से पहले सोच जरा तू खुद कितना पाक पवित्र है ???
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Fetching #womenhood Quotes
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