"तेरा आना:एक बदलाव" तेरे आने से ज़्यादा कुछ तो नही बदला बस मैं दिमाग के बदले दिल से सोचने लगा तेरे आने ज़्यादा कुछ तो नही बदला बस मैं आदमी से इंसान बन गया और इंसानियत आ गयी मुझमे तेरे आने से ज़्यादा कुछ तो नही बस ज़िन्दगी रुठने और मुरझाने के बदले हँसने और गुनगुनाने लगी तेरे आने से कोई ज़्यादा फर्क तो नही पड़ा मुझे बस पहले अनजान था दुनिया से तेरे आने से एक पहचान मिली तेरे आने से कोई बार बदलाव तो नही आया बस लोग मुझे आवारा के बदले सच्चा आशिक़ समझने लगे तेरे आने से मैंने क्या मिला ये तो पता नही लेकिन मैंने खुद को पा लिया तेरे आने से सबसे खास चीज क्या मिली मालूम नही लेकिन मैंने अपने अपनो को अपने पास पाया तेरे आने से कुछ आया की नही पता नही लेकिन मेरी सारी बुराईयाँ चली गयी तेरे आने से मेरी सूरत बदली की नही क्या पता लेकिन मेरी नियत और सीरत दोनों बदल गयी तेरे आने से मुझे धन दौलत घोड़ा गाड़ी और हाथी मिला क नही पता नही लेकिन मेरा जीवनसाथी ज़रूर मिल गया तेरे से कोई खुशी मिली कि नही याद नही लेकिन अब हर पल हर लम्हा मन ही मन मुस्कुराता रहता हूँ तु मुझे मिले या ना मिले लेकिन तेरे आने से मैंने खुद को पा लिया है तेरे आने से मैंने अपने वीरान से दिल में मोहब्बत का आशियाना बसा लिया है पता नही पहले तु आएगी या मौत इतन तो पता है कि राहत तो तुम दोनो से ही मिलेगी मुझे इसलिए आना ज़रूर
तुम होते जा रहे हो दूर ये ख्याल आया है, ये कैसी नाराजगी है मुझसे ये सवाल आया है, तुमको पता ही होगा जीना नहीं मुझे तेरे बगैर, तेरा दीदार जो पाया तो अब चैन आया है..