"Who wanted to grow up, when we had the heroes like Batman and Superman, and we had this little tiny body to act with, like them. Alas, we all have that childish nature still in us, but it's all about what people would think of us."
ख़ामोश होकर क्या पा लिया कुछ ख़ास था जो गवा दिया यूं तो अपनों के पहरे बहुत थे दिल में सवाल भी बहुत थे उसे उसके अपनों के पास छोड़ना था इस सब में मुझे खुद को भी खोना था ना जाने क्यूं मैं इतनी ख़ामोश थी शायद दिल को उसे पाने की आस थी सोचा था उसे लौटा देंगे उसके अपने मेरे खातिर पर वक़्त की मार बहुत ही शातिर कभी खामोशी को इस कदर ना अपनाना कहीं खो ना दो अपना ही आशियाना
तु खुले बालों में और भी कमाल लगती हैं, तेरी नशीली आँखो पे काजल भी बवाल लगती हैं, सायद खुदा ने तुझे बड़े फुर्सत से बनाया होगा तभी तेरी हर एक अदा बेमिसाल लगती हैं,