तुझे ऐसा चाहा कि, हदे पार की सारी
तेरे चाहने वाले हो गए, दुश्मन मेरे ।
मेरे नाम की गलत अफवाएं उड़ाई किसने
धोखा देने वाले थे ,अपने मेरे ।
जब बैठा प्यार की नाव में तो चल ना सकी
लगता है समन्दर भी हो गए ,खिलाफ मेरे ।
मेरे इश्क़ की कहानी तो शुरुआत से ही बिगड़ी थी
उजाले खत्म हुए ,अंधेरे हो गए , साथी मेरे ।
लगता है बेमन से बनाया था उस जायदाद को
आंधी उड़ा कर ले गई ,किले मेरे ।
नजर रखने,उसने घूस दी थी हवायो को
उसको क्या पता मौसम है , जासूस मेरे ।
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