ज़ैनब ख़ान 10 JUN 2020 AT 14:39 बरसों बरसीं वो दो आँखें, तब जाकर ग़म की आग बुझी,अब मरने दो उन शोलों को, क्यों और जलाने आए हो। - Anand Kumar 6 FEB 2021 AT 9:06 कभी आईने के पीछे झांको बताओ क्या दिखता हैतुम तो उदास खड़े हो अंदर मुस्कुराता हुआ कौन दिखता है - Anand Kumar 25 DEC 2020 AT 14:31 मोहब्बत क्या होती है ये मैंने तुमसे मिलकर ही जाना हैसच कहूं तो आशिकों की बस्ती में,अब मेरा भी ठिकाना है - Anand Kumar 22 APR 2020 AT 7:47 - Anand Kumar 24 FEB 2021 AT 9:02 हम बड़े छिछोरे आशिक हैं इतनी जल्दी दूर नहीं जाएंगेबेपनाह चाहते हैं आप मुझे , ये किसी ने कहा था मुझसे - Anand Kumar 2 MAR 2021 AT 13:07 पहरा है कांटो का गुलाबों की बस्ती मेंवो होती तो चार चांद लग जाता मेरी हस्ती में - Anand Kumar 20 DEC 2021 AT 15:36 तेरी हर एक तस्वीर टंगी हुई है उस अंधेरे कमरे मेंतुम गर हंसकर तस्वीरें खिंचवाती तो पूरा कमरा रोशन होता - Anand Kumar 23 DEC 2021 AT 7:20 मेरे जनाजे में तुम्हें और क्या चाहिए,सब कुछ तो था वहां,सिवाय मेरे ! - शिवप्रताप की कलम से 20 NOV 2020 AT 11:28 मैं मोहबब्त की कहानी लिखूया एक आदत पुरानी लिखूतुम समंदर की लहरें होमैं ठहरा हुवा पानी लिखू - Anand Kumar 27 NOV 2021 AT 11:05 जंगल के सारे दरख़्त सुख कर जमींदोज हो गएजिस दरख़्त पे तेरा नाम लिखा था वो अब भी सलामत है -