'वो कौन था?'
जहां चेहरों, मे भी परतें थी
वहाँ वो बेनक़ाब, शक्लें ढूंढने निकला था,
शहर में बइमानों के,
वो इमान ढूंढने निकला था,
दिमाग के इस खेल में,
वो जज़्बात ले कर निकला था,
रंग लिया ज़माने ने, उसे भी खुदगरज़ी के रंग में,
वरना, वो तो दिल, इरादे, नियत साफ लेकर निकला था|
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