ये इंसा भी कितना अजीब है
गुस्सा, नाराज़गी, अहं, सफलता,
हर चीज़ को जताने में आगे रहता है..
फिर अगर किसी से प्यार है,
किसी से इश्क़ करते हो,
तब भी तो उसे जताओ ना,
तब क्यों पीछे हट जाते हो ??
ये तो अच्छी बाते है..
इन्हें कहने में, इन्हें मानने में,
कैसा डर ? क्यों इतना सोचना ?
कह दो..बस !
-