परबतों की करवटें समंदरों की सिलवटें गिरी गालों पर लटें बेतरतीबी ख़ूबसूरत है... ख़यालों की आवारगी सवालों की पेचीदगी और तर्क की मौजूदगी बेतरतीबी ख़ूबसूरत है... किसी पत्ते की शक्ल किसी याद की पहल और आने वाला कल बेतरतीबी ख़ूबसूरत है... किसी शायर का ज़हन किसी काँटे की चुभन और किसी औरत का मन बेतरतीबी ख़ूबसूरत है...