दो कवयित्रियों में हो गयी लड़ाई,
वजह बनी अपनी अपनी बड़ाई,
एक दूसरे की कर दी खूब धुलाई,
बीच-बचाव को कोई न आई।
शोर सुन पधारे एक कविराज,
कहा नहीं है अच्छा यह काज,
आप दोनों आ जाओ बाज,
झगड़ा करते आयी न लाज।
कवयित्रियांँ अब कवि पर गुर्राई,
उनके हाथ हुई कवि की धुनाई,
सोचो हमनें आपको ये क्यों बताई,
औरतों के लफड़ों में कभी न पड़ना भाई....! 😃😜
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