QUOTES ON #PARINDA

#parinda quotes

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8 AUG 2019 AT 19:09


Kehta... hai Dil udne ko

In hawaon ke... Sangh mai bhi uddna chahti hu....
Inn baadlon Se mai bhi uljhna chahti... hu...
Inn... Parindon ko mai bhi dikhana chahti hu...
Tum akele nahi hu.... Yahan Mai bhi hu jo udna jaanti hu....

Uddu kuch iss kadr ki khuda bhi keh de
Kha the tum ab... Tak

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17 DEC 2018 AT 17:00

Ek parinda sa hai mere andar
Jo har waqt khula aasmaan chahta hai
Jo Bandisho ko tod ud jana chahta hai
Jo sirf apne faisle par jeena chahta hai
Jo be khauf apne pankh failana chahta hai
Aur Ek oonchi Udaan bhar jana chahta hai
Ek Parinda sa hai mere andar.....

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2 DEC 2020 AT 14:48

~~~~ Apne Haton Se Azad Krdiyaa
Apne khawabon Ke Parinde ko
Jiska Hona Hi Sb Kuch Tha Mera Liye ~~~~

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3 JUL 2020 AT 9:11

"मोहब्बत का शहर"

सोचता हूँ की अब मोह्हबत का नया शहर बनाया जाय,
मैं और तुम से अलग, अब एक हमारा घर बनाया जाय।

बेनकाब होंगे हर वो दरिंदे जिसके जहन में बेवफाई हो,
इन कांटों को निकाल फेंक ,सुहाना डगर बनाया जाय।

देख लिया ज़माने की सारी ज़िद्दी बन्दिशों का नतीजा,
सच्चे प्यार के परिन्दों को ,खुले आसमान उड़ाया जाय।

महबूब के जुल्फों की घटाओं से सींचकर मोहब्बत को,
इश्क़ के इस बाग में , बस प्यार के फूल खिलाया जाय।

चलता होगा नफरतों का कारोबार फरेबियों के शहर में,
सोचता हूँ उनके इंतजार में,रात को दोपहर बनाया जाय।

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17 FEB 2021 AT 1:55

_परिन्दा_

पंख के बगैर..
एक उडता परिन्दा हूँ...

ये तेरी ही चाहत है...
के मरकर भी ज़िन्दा हूँ...

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16 MAR 2020 AT 10:39

सुबह सुबह का
खुशनुमा मौसम,
परिंदो में चहचाहट का आलम,
ये आफ़ताब का,, चाँद को
आगोश में समाना,
और तारों की टिमटिमाहट
का ओझिल होना जाना,
वादियों में
हवाएं भी खुशमिज़ाज है
तमाम ख्वाहिशों को पंख लगा
कफ़स से परिंदा
आज़ाद होने
को बेताब है,,
काश...!!
ये परिंदा मस्तमगन
गगन में उड़ पाये
हालातों की ज़जीरों
से खुद को आज़ाद कर पाये।।

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18 JUL 2020 AT 15:51

तेरा मुस्कुराना भी मेरे लिए हवा का झोंका है !
मैंने इश्क किया था, तुमने समझा धोखा है !

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31 MAY 2022 AT 2:19

हो चुकी शाम अब तो हर परींदा घर आया ,

हूं जमाने में बस मैं ही बेआशियाँ,

जिसने इस भीड़ में खुद को तन्हा पाया ।।

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29 MAY 2019 AT 14:00

Acha ji aisa bhi hota hai.....
humein maloom na tha.....
Tum aisa karoge humein
sach mein maloom na tha.....
Ek kasak si uthti hai dil mein
aaj bhi jaane kaisa pal tha....
wo jb hum mile...
Bin mousam ki baarish...
Charo taraf shant mahoul....
Jane kaisa nzara tha wo hmare milan
ka Magar wo sb bevajah lgaa...
Jb tumne kaha aagosh ka parinda
kabhi ek jagah baitha nahi krta...
Tb humein mehsus hone lga tha..
Acha ji....aisa bhi hota hai humein
maloon na tha.....

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27 AUG 2020 AT 8:24

में चाहता हूं…
हर उस परिंदे को आसमान मिले,
जिसके पंख है यहां.
कैद के लिए इस जमीं पर,
इंसान कम है क्या ?
ऐ इंसान अपने शौक के लिए,
क्यों पिंजरे में परिंदो को कैद करे.
मुकद्दर को उसके तू क्यू खुद लिखे,
उसका घर... ये पूरा जहां है.
ये ज़मीं भी उन्हीं की है,
ये उन्हीं का आसमां है.
तूने जंगलों को क्या से क्या कर दिया,
परिंदो के घरों को क्यों उजाड़ दिया.
अब भी माफी मांग रब से और इन्हे जाने दे,
ए इंसान तू क्यों परिंदो को कैद करे.

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