इससे पहले की जनाज़ा निकले,
जान! दिल की बात बता जाना,
कहीं देख ना ले कोई तुम्हें रोते हुए,
जान! दो बूंदें अश्कों की चुपके से बहा जाना,
गर फिर भी कर न सको इज़हार-ए-मोहब्बत,
तो जान! इश्क़ है तुम्हें भी, चुपके से बता जाना,
इससे पहले की सुपुर्द-ए-ख़ाक हो जिस्म,
जान! मैयत पे मेरी तुम आ जाना..
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