मन, तू तनिक आहिस्ता से चल,
माना तू उतावला है आने वाले वक्त से,
तू अज्ञात है, इसलिए तनिक धैर्य रख!
तेरे पैरों के घुँघरु कहीं मेरे काँच के समान
बिखरे ख्वाब को तोड़ ना दे,
उनकी चमचमाती दुनियाँ को, तेरे घुँघरू
तहस नहस ना कर दे, इसलिए
तू तनिक आहिस्ता से चल।
तेरे उतावलेपन से तेरा तो कुछ नहीं होगा,
पर मेरे ख्वाब,वो तो मर जायेगें ,
और उनकी चिता को अग्नि तो तू ही देगा ना,
इसलिये तनिक धैर्य रख, ये दुनिया बड़ी मायावी है,
तू तनिक आहिस्ता से चल।।
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