जब तक न आये इस मुकाम पर ये इश्क़ कि मैं आह करूँ और आंसू तुझे आ जाएं मैं आँखें मूंद लूँ और दीदार तेरा हो जाए कि मैं खाऊँ पेट भर और पेट तेरा भर जाए उबासियां मैं लूँ और तेरी आँख लग जाए मैं जान कहूँ और तुझे जान आ जाए ओम् मैं कहूँ और ध्यान तेरा लग जाए जब तक न आये इस मुकाम पर ये इश्क़ मुझे ये इश्क़ ईश्क़ न लगने पाए...