Everything happens for a reason
It’s the best and only consolation we give to ourselves
Always try to see the bigger picture
Even when nothing is making sense
To ease the pain to find the comfort
In the echo of these collective words
By following the cliche
We try to figure out some extraordinary epiphany for ourselves
I just want to understand for once in my life
How and why always my heartbreak
Has to become someone’s healing….-
बाहर से जोड़ने की लाख कोशिशें भी कर ले कोई
लेकिन किसी के अंदर टूटने वाले फिर कभी नहीं जुड़ते-
दर्द की इंतेहा ही कुछ इतनी थी इस बार
कि मेरी हर हँसी के पीछे से झाँकता रहा है वो-
इतना लिख चुकी हूँ तुम्हें
कि मुझसे कुछ और लिखा नहीं जाता
ज़ख़्म पर ज़ख़्म दे तो रहे हो पर सोच लेना
भर जाता है लेकिन ज़ख़्म का निशान नहीं जाता-
ये चार दीवारें अब अजनबी लगतीं हैं मुझे
मैंने एक शख़्स को घर बनाया था कभी-
प्रेम ने त्यागा
जीवन भर का साथ एक क्षण में छूटा
प्रतीक्षा निष्फल है जानते हुए भी
उन्हीं की प्रतीक्षा की
संसार में रहकर इच्छाओं से विमुख रहीं
यशोधरा को निर्वाण
बुद्ध से पहले प्राप्त हुआ-
मुझे किसी के क़िस्से में अपने क़िरदार की मौत का ग़म नहीं
मैं जानती हूँ मेरी माँ की कहानी में मेरा हिस्सा हमेशा रहेगा-
ज़मीं से जब ज़ख्मों के दरख़्त उगने लगें
तब आसमाँ से ख़ून टपकना लाज़मी है-
एक पल में बेगाने होने वाले ये लोग
कभी सदियों की बातें किया करते थे
तुम्हारे साथ पूरा चाँद देखने को हम
अपने हिस्से जमा काली रातें किया करते थे
ये अकेले रहना समझदारी की बातें तो तुम्हारी सौगात है
वरना हम भी कभी अल्हड़ थे इश्क़ की बातें किया करते थे-