दिल के किसी कोने में एक ग़म छिपा है
कोई पूछे, तो उसे बतलाएँ
हमारी फ़िक्र करने वाला अब कोई रहा नही
कि हम रोए और वो हमें चुप कराए।
हम मुस्कुराते तो है पर हँसते नही
हम रोते नही, पर हम ख़ुश भी नहीं
पता नही क्या ग़लत है क्या सही
बस एक उम्मीद है कि मिल जाए वापिस हमें ख़ुशी वही ।।
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