ज़माना था वो भी जब बिना किसी संबंध के बंधन निभाया करते थे लोग!! अन्न का एक दाना मांगने पर पेट भर खिलाया करते थे लोग!! कभी निस्वार्थ भाव से दूसरों की सलामती की भी दुआऐं माँगा करते थे लोग!! कहते लोग उसे गुज़रा ज़माना हैं क्योंकि आज लोगों के लिए तो ऐसा सोचना बस एक फसाना है!!