बदल कर रख दिया है राजनीतियों ने संविधान का मुखौटा,
अब वो कह रहे हमें अमन के साथ सबका विकास चाहिए।
बह गए हैं बाढ़ के घेराव में दस्तावेजों के साथ घर जिनके,
उनसे सरकार कह रहा हिंदुस्तानी नागरिक होने का प्रमाण चाहिए।
अगर करना हो ऐसे नियम लागू जो जनता के हित में है तो ऐसा विश्वास लाएं,
आवाम कह रहा हमें ऐसा सरकार चाहिए।
जो हिंसा की आग उठी है,उससे अपने ही घर जलेंगे फिर बहुत से मासूम इस दंगे में फसेगे, रोक लो खुद को इससे
क्योंकि हमें हक़ और शांति के साथ इंसाफ चाहिए।
हिंदू, मुस्लिम ,सिख ,ईसाई हम सब हैं भाई भाई यही पुराना कथन अपनाकर,
आवाम कह रहा हमें एकता के साथ वही पुराना हिंदुस्तान चाहिए।
!!हमे अपना एकराष्ट्र हिंदुस्तान चाहिए!!
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_shirisu(साँच✍)
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