आप ना केवल मेरी पसंदीदा लेखक, कवयित्री, शायरा हैं, बल्कि आप उन चुनिंदा लोगों में से हैं जो मेरे पसंदीदा इंसानों में हैं। आप ना केवल एक परफेक्ट माँ, गृहणी, महिला हैं, बल्कि आप एक उम्दा मित्र भी हैं। एक ऐसी मित्र जो कभी माँ बन सम्भालती हैं, कभी बड़ी बहन बन डाँटती हैं, कभी भाई बन साथ लड़ती हैं, कभी छोटी बच्ची बन सताती हैं, तो कभी गुरु बन सिखाती भी हैं। आपका कभी ना साथ छोड़ने वाला जज़्बा, हर मुश्किल में भी साथ खड़े रहना वाला हौंसला, आपकी सादगी, आपका ग्रेस, आपका लिखने का अंदाज़, आपकी उर्दू, आपकी गानों की पसन्द, आपकी अंग्रेज़ी भाषा पर पकड़, आपकी शख्सियत, आपका ज़िंदादिल अंदाज़ यह सब ऐसा मिश्रण है, जो आपको इतना उम्दा और श्रेष्ठ इंसान बनाता है। एक ऐसा इंसान जो पहले favourite writer, फिर buddy और फिर philosopher, guide और support system बन जाता है। हमेशा ऐसी ही रहियेगा। हमेशा ऐसे ही साथ दीजियेगा और मेरा सड़ियल पन सहन करतीं रहियेगा।
खूब लिखते रहें, चमकते रहें और मुझे डाँट-डाँट कर संभालते रहें।
"आपके होने पर, मुझे गर्व है"
बाबाजी हमेशा आप और आपके परिवार पर अपनी कृपा बनाये रखें।
- साकेत गर्ग 'सागा'
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