महर्षि गुरु वेदव्यास जी ने दिया था चारों वेद का ज्ञान,
इसीलिए प्रथम गुरु होने का मिला था उन्हें सम्मान।
हमारे जीवन में हमारी प्रथम गुरु माँ का है सर्वोच्च स्थान,
हमारे सबसे बड़े पथ प्रदर्शक ईश्वर के चरणों मे समृद्धि करती है सदा प्रणाम।
जीवन में जिन गुरुओं ने दिया हमें ज्ञान का भंडार,
उनका करती हूँ मैं दिल से धन्यवाद अपार।
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