उसे लगता हैं वो मुझसे प्यार करता हैं पर हर बार वो मुझको रूसवाँ करता हैं महफ़िल में चर्चें अपने प्यार के करता हैं वो रोज़ मुझको थोड़ा थोड़ा बदनाम करता हैं
नाराजगी की कसम हम नाराज न होगे तुम हक जताओ तो सही हम कुछ न कहेंगे हाल - ए - दिल आपका हम जानते तो सब हैं पर तुम कहोगे तो हम सुनते रहेंगे अजी छोड़ो तुम ये सुनना सुनाना बस आखों को पढ़ लो हम कुछ न कहेंगे