बिन सिसकियों के ये दिल बेइंतेहा रोता हैयूं हैरान न होइए कभी कभी यूं भी होता है..बेमौसम की बारिश में कोई शख्स खुद को भिगोता हैयूं परेशान न होइए कभी कभी यूं भी होता है...चल पड़ता है ये मन अक्सर , न जाने किसके ख्वाबो में खोता हैयूं हैरान न होइए कभी कभी यूं भी होता है...पलकों तले एहसास छुपा कर हम जैसों को रखना होता हैयूं परेशान न होइए कभी कभी यूं भी होता है... -
बिन सिसकियों के ये दिल बेइंतेहा रोता हैयूं हैरान न होइए कभी कभी यूं भी होता है..बेमौसम की बारिश में कोई शख्स खुद को भिगोता हैयूं परेशान न होइए कभी कभी यूं भी होता है...चल पड़ता है ये मन अक्सर , न जाने किसके ख्वाबो में खोता हैयूं हैरान न होइए कभी कभी यूं भी होता है...पलकों तले एहसास छुपा कर हम जैसों को रखना होता हैयूं परेशान न होइए कभी कभी यूं भी होता है...
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तो रोशन कर दूं उस घर का वो कोना...जहां मायूसी से घिरा है दिलऔर उम्मीदों में बीत रही है ये रैना... -
तो रोशन कर दूं उस घर का वो कोना...जहां मायूसी से घिरा है दिलऔर उम्मीदों में बीत रही है ये रैना...
कभी इक शोर में सुकून है कभी ख़ामोशी में बेचैन हूं....क्यों ख़ुद ही से मैं पूछ रही हूं हर दफा...मैं कौन हूं.... -
कभी इक शोर में सुकून है कभी ख़ामोशी में बेचैन हूं....क्यों ख़ुद ही से मैं पूछ रही हूं हर दफा...मैं कौन हूं....
हिज़्र की रैना नम करके अश़्कों को बहाओगे दर्द जो सीने में है छिपा ख़ुद से कैसे छुपाओगे...रो पड़ेंगे मेघ भी भीग जाएगा धरा का आंचल बेवक्त की इस बारिश में सुकून का आसरा कैसे पाओगे...हंसता है हर कोई यहां हमदर्द बनने के बाद बस भी करो अब किस किस को गम अपना तुम सुनाओगे...गले लगाकर लोग यहां अक्सर इल्ज़ाम लगा जाते हैं लाख मुद्दतों के बाद भी देखना तुम तन्हा ही रह जाओगे...हिज़्र की रैना नम करके अश़्कों को बहाओगे....दर्द जो सीने में है छिपा ख़ुद से कैसे छुपाओगे... -
हिज़्र की रैना नम करके अश़्कों को बहाओगे दर्द जो सीने में है छिपा ख़ुद से कैसे छुपाओगे...रो पड़ेंगे मेघ भी भीग जाएगा धरा का आंचल बेवक्त की इस बारिश में सुकून का आसरा कैसे पाओगे...हंसता है हर कोई यहां हमदर्द बनने के बाद बस भी करो अब किस किस को गम अपना तुम सुनाओगे...गले लगाकर लोग यहां अक्सर इल्ज़ाम लगा जाते हैं लाख मुद्दतों के बाद भी देखना तुम तन्हा ही रह जाओगे...हिज़्र की रैना नम करके अश़्कों को बहाओगे....दर्द जो सीने में है छिपा ख़ुद से कैसे छुपाओगे...
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°अश्कों का दरिया इन आंखों में भर जाऊं...सांसों से धड़कन तक का सफ़र ख़त्म कर जाऊं...रूठे रूठे लगते हैं अब मुझसे मेरे सपने इंसानों के मुखौटों से डर जाऊं...और बताओ क्या कर जाऊं... -
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°अश्कों का दरिया इन आंखों में भर जाऊं...सांसों से धड़कन तक का सफ़र ख़त्म कर जाऊं...रूठे रूठे लगते हैं अब मुझसे मेरे सपने इंसानों के मुखौटों से डर जाऊं...और बताओ क्या कर जाऊं...
पल दो पल की ज़िंदगी ये तो बस कहने की बात है...इक उम्र कटा करती है यहां उस मौत के इंतज़ार में... -
पल दो पल की ज़िंदगी ये तो बस कहने की बात है...इक उम्र कटा करती है यहां उस मौत के इंतज़ार में...
किसी की ज़िंदगी को रोशन करके देखा है क्या...किसी के लबों पर मुस्कान भरके देखा है क्या...जी उठेगी बेवजह ये रूह तेरी कभी किसी पर मर के देखा है क्या...क्यूं कैद किया है ख्वाबों को आंखों के लिफाफे में कभी ख़ुद की अधूरी दास्तान पढ़ के देखा है क्या...कोई धुन सुनाते हैं ये रास्ते तन्हा चलने पर कभी कोई गीत गा कर बिन रहबर के देखा है क्या... -
किसी की ज़िंदगी को रोशन करके देखा है क्या...किसी के लबों पर मुस्कान भरके देखा है क्या...जी उठेगी बेवजह ये रूह तेरी कभी किसी पर मर के देखा है क्या...क्यूं कैद किया है ख्वाबों को आंखों के लिफाफे में कभी ख़ुद की अधूरी दास्तान पढ़ के देखा है क्या...कोई धुन सुनाते हैं ये रास्ते तन्हा चलने पर कभी कोई गीत गा कर बिन रहबर के देखा है क्या...
आप सभी को दिवाली की ढेरों शुभकामनाएं , हम आशा करते हैं कि आपका साल दीपकों की लड़ी की तरह रोशनी लिए एवंखुशियों भरा बीते......HAPPY DIWALI... -
आप सभी को दिवाली की ढेरों शुभकामनाएं , हम आशा करते हैं कि आपका साल दीपकों की लड़ी की तरह रोशनी लिए एवंखुशियों भरा बीते......HAPPY DIWALI...
यादों के सर्द मौसम में सहर नम कर जाते हैं....ये अधूरे ख़्वाब भी ओस की बूंदों की तरह निकले... -
यादों के सर्द मौसम में सहर नम कर जाते हैं....ये अधूरे ख़्वाब भी ओस की बूंदों की तरह निकले...
गैरों से ही अक्सर हम रिश्ते निभाते हैंऔर ख़ुद से ख़ुद का कोई वास्ता ही नहीं... -
गैरों से ही अक्सर हम रिश्ते निभाते हैंऔर ख़ुद से ख़ुद का कोई वास्ता ही नहीं...