Susmita Pathak   (S.P.)
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A writer by choice
Joined 7 January 2021


A writer by choice
Joined 7 January 2021
15 DEC 2021 AT 14:11

Creating Contents Ever Since I Can Remember...


Jack of all Niches, Mastering none!!!

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15 NOV 2021 AT 13:19

दूर किया कुछ पलों के लिए तुम्हें खुद से,
बस कोशिश है
अकेले चलने की आदत डालो तुम
जैसे मम्मा तुम्हारी अब सीख रही है।

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26 OCT 2021 AT 23:51

जिसने पाया उसे तो यूं भी मुझ पर नाज़ है
जिसने खोया, उसे कहां आज भी खो देने का एहसास है,
तराशना खुदको अब किसी और के लिए नहीं,
नाज़ हो मुझे मुझ पर, बस इतनी सी चाह है।

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6 OCT 2021 AT 21:38

हाँ वो बंद दरवाज़े
हवा से उनके खड़खड़ाने की आवाज़ें,
वो जुगनू जो बाहर चमकता गाता है
वो भी बस अपना हाल सुनाता है।

यहां मैं खामोश खड़ी
बस आहटें सुनती रही,
इंतज़ार किया काश कोई
इन खामोशियों को भी सुन ले मेरी।

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17 MAY 2021 AT 14:35

ऐ वक़्त,
थम जाया कर यहाँ भी कभी,
सब को तो यूँही मिल जाया करता है तू ,
हमारे पास भी ठहर जाया कर
हमें भी तो ज़रूरत हुआ करती है तेरी!

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15 MAY 2021 AT 9:57

ज़िन्दगी में लोगों की भीड़ सी देखी,
कुछ मिले, कुछ रुके, कुछ चले गए,
सोचा जो रुके शायद दूर तक साथ होंगे,
पर वक़्त ने बताया,
जिनके साथ शुरुआत होती है
आखिर तक साथ बस उन्ही का होता है।

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6 MAR 2021 AT 19:58

कुछ चाहिए होता था कभी
तो कहते थे पापा से कह दो मिल जाएगा,
कहीं जाना होता तो कहते
भाई से कह दो ले जाएगा।

प्यार का क्या है
वो तो पति से ही हो जाएगा,
तुम्हे अब क्या फिक्र
कुछ दिनों में तो तुम्हारा बेटा बड़ा हो जाएगा।

यूँही दुनिया मेरी पिता, भाई, पति और बेटे में सिमट कर रह गयी,
काश किसीने ये भी कह दिया होता,
कि भरोसा है तुझ पर भी,
ऐसा क्या है जो तुझसे न हो पायेगा।

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3 FEB 2021 AT 22:37

हाथ किसी और के हाथ में देना,
कहाँ आसान था उनके लिए।
मैं रोई तो जीवन साथी को पाने की ख़ुशी भी थी,
पर वो रोये तो बस मेरे जुदा होने का ग़म था।

जिसने साथ निभाने की कसम खायी,
जब उसने हाथ छुड़ाया,
तो लोगों ने उनकी परवरिश पर ऊँगली उठायी,
पर उन्होंने किसी की परवाह किये बिना मुझे फिर से नयी दुनिया दिखाई।

बचपन से मुझे सही और गलत का फर्क बताया,
पर चुनना खुद के लिए खुद सिखाया।
जब मेरे कदम को सबने गलत बताया
मेरे पापा ने तब भी मेरा साथ निभाया।

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29 JAN 2021 AT 22:23

कवि के कलम की स्याही
शब्द नहीं, भावनाएं लिखती हैं

और वो कहते हैं
भावनाओं में बहना छोड़ दो।

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29 JAN 2021 AT 18:52

जिस दिन कभी कुछ छुपाना पड़ जाए तुम्हे मुझसे,
समझ लेना अब तुम्हारी ज़िन्दगी में मेरा कोई काम नही।

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