वक्त आते ही वक्त चुप्पी तोड़ देगा, कहा ना तुम्हारा खयाल छोड़ देगा, दिल को समझाना आसान नहीं है, मगर वक्त ऐसा मरहम है जो.. सबकुछ बदल देगा, दिल से उस बेवफ़ा को बेदख़ल कर देगा।
जेव्हा तु नसतोस समोरी, मी समजावे स्वतःला नानापरी, कशी अवलंबली मी तुझ्यावरी, वाहती डोळ्यातूनी आसवांच्या सरी, वाटे दुंभगली धरणी, फाटले आसमान वरी, झाले अर्धमेली, ये लवकर घरी.
जिंदगी उजाड़ देता है, कहाँ ये छोटासा दिल संभलता है, कुछ नहीं आता है दिल में तुम्हारेसिवा, ये छोटासा दिल तेरे लिए धड़कता है, दिन चेहरा छुपा है, रात बैचन करती है, तु नहीं तो जिंदगी वीरान होती है।
सफ़लता का प्रमाण कर्तव्यपूर्ती का समाधान है। संन्यस्त होकर ये समाधान प्राप्त करे, या गृहस्थाश्रम में कर्तव्य का पालन करे, दोनों में संतुष्टी या असमाधान मिलता है, तपस्या व्यर्थ नहीं जाती, परिणाम जरुर दिलाती है।