लग रहा है जल्द ही खुद से जुदा मैं हूँगा
अंदर बैठे इस बच्चे को अब भूला मैं दूंगा
इसने किया चिल्लाकर शोर जो कभी
फिर सारी ख्वाहिशें भी इसकी मिटा मैं दूंगा।
अब तो,
सुकून खोकर कामयाबी को बुनना है
जिंदगी के बदले दुनियादारी को चुनना है
दिल तो है ही पागल ये कई हसीन सपने दिखायेगा,
बातें दिल की नहीं अब दिमाग की सुनना है।
फिर होकर कामयाब सुकून की तलाश करेंगे
ज़िन्दगी की खोज में हर रोज खुद को निराश करेंगे।
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