Suraj Singh Kushwaha  
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Joined 23 March 2017


Joined 23 March 2017
11 DEC 2021 AT 0:13

I am the product of all my losses and learnings.

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7 DEC 2021 AT 3:25

अभी हम और टूटेंगे, अभी हम और बिखरेंगे,
उन सबका शुक्रिया, जिनकी आह निकलेगी,

रोने वाले कम तो न होंगे जनाज़े में मेरे,
मगर रब उनकी ख़ैर करे, जिनकी वाह निकलेगी।

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23 JUL 2021 AT 22:49

बात ख़त्म होने के बाद तक बची रही ज़हन में तुम,
कि हाल दुरुस्त है मेरा! सर दर्द कुछ ज़्यादा नहीं है,

मुनासिब है बेफ़िक्री में उठ कर चले जाना तुम्हारा,
वक्त बहुत है मेरे पास, अभी मरने का कोई इरादा नहीं है।

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16 JUL 2021 AT 23:30

कभी थक जाओगे रो–रो के जब, बहुत याद आएंगी बाहें हमारी
सुनोगी शोर में महफ़िल के, लिपटी सिसकियों से आहें हमारी,

तन्हां होके जब आधी रात को, ढूंढोगे ख़ुद को ख़ुद के अंदर,
ना मिल पाओ जो ख़ुद से, चले आना मुसाफ़िर राहें हमारी !

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12 JUL 2021 AT 15:40

आग लगाई काफ़िर ने, और ख़ाक ज़मीं इस दिल की हुई,
मुद्दा ताज़ा – ताजा है, ये बात अभी बस कल की हुई,

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9 JUL 2021 AT 11:56

मैंने देखा था देर तक उसकी आंखों में इक दफ़ा
बाद इसके हर इक शख़्स बस उसके जैसा ही लगा

गया था छोड़ कर जिस शब, वो अपने हाथ छिटक कर,
बाद उसके हर एक सहर का रंग, वैसे का वैसा ही लगा



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8 JUL 2021 AT 17:02

तुम कुरेदोगे मुझे कितना भी,
मैं उसका नाम नहीं लूंगा,
ख़ुद अकेले में चीखता रहूंगा,
मगर सरेआम नहीं लूंगा,

ये तो है मुसाफ़िर की अपनी मर्ज़ी,
छांव में किस दरख़्त की, कब तक ठहरे,
अब तो ये हो कि जड़ से उखाड़ फेंक दिया जाऊं,
जब तलक जिंदा रहूंगा, सब्र से काम नहीं लूंगा।

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7 JUL 2021 AT 19:48

डायरी में लिखा है तुम्हारी जो मेरा पता, नंबर सब वही है,
एक जरा फ़ोन कर देना बस, जब कभी मेरे शहर आओगी,

वो ख़त जो तुम्हें लिखे तो थे, मगर कभी भेज ना पाए,
पढ़कर सुनाऊं तो क्या ज़रा कुछ देर और ठहर पाओगी?

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29 JUN 2021 AT 14:36

मेरी आंखों में देखकर कहो, जो भी बात कहनी है,
यूं नजरें फेर कर कहना मुझे सब झूठ लगता है,

बता देना सिवा मेरे कोई गर हो, या दिल उकता गया मुझसे,
यूं घरवालों की दुहाई देना मुझे सब झूठ लगता है।

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25 JUN 2021 AT 23:30


मैं सोच के ये डर जाता हूं,
पर कहने से कतराता हूं,
जो मिलूं कभी तो क्या बोलूं,
तुमको देखूं बस और चुप हो लूं ?

तंग आके शहर से सोचा है,
कहीं दूर पहाड़ी पर जाऊं,
इक हाथ में चाय, इक सिगरेट हो,
और नाम तुम्हारा चिल्लाऊं!

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