गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर,भगत का यह देश हैं।
हमारे हृदय में प्रेम और भाईचारा हैं,दिल में ना कोई द्वेष हैं।
सर पर कफ़न बांधकर वो फिरंगियों से लड़े थे।
देश की आज़ादी के लिए वे मुस्कुराकर सुली पर भी चढ़े थे।
यह देश हैं वीरों के त्याग तपस्या और बलिदान का,
किया है रक्षा सदा भारत माता के मान और स्वाभिमान का।
ना समझो तुम इसे कोई परिहास,
वीरों के खून से लिखा गया है हमारा अमर इतिहास।
भारत माता को मेरा शत् शत् प्रणाम है,
भारत माता के सपूत वतन पर मर मिटने को तैयार हैं।
सरहद पर वीर जवान दिन रात हमारे सुरक्षा को तैनात हैं।
ना जाने रोज कितने वीर जवान तिरंगे से लिपटकर घर आते हैं।
ख़ाली कर जाते है मां की गोद,
पर भारत मां की शान पर आंच ना आने देते हैं।
यहां मंदिर में पूजी जाती हैं देवी की प्रतिमा को,
फिर क्यों ठेस पहुंचाई जाती हैं नारी की गरिमा को।
उनके चीख के बाद एक खामोशी छा जाती हैं।
दरिंदे तार-तार कर जाते है उनके आबरू,
निर्दोष होते हुए भी वो नहीं हो पातीं है फिर कभी दुनियां से रूबरू।
हम आज़ाद तब कहलाएंगे,
जब हर बेटियां यहां होगी सुरक्षित।
विफल ना जानें देना तुम वीरों के बलिदान को,
हर देशवासी का यह फर्ज है,बचाएं रखना देश के गौरव और सम्मान को।— % &
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