अंधियारे जीवन में,
बरसी उजियार है...
राम लला घर लौटे,
अजी,आज त्योहार है!!
प्रति पल उल्लास है,भक्ति की फुहार है,
मन हुलस-हुलस जाए सखी,आज त्योहार है!!
अयोध्या है राम रंगी,हर घर की शोभा न्यारी
प्राण-प्रतिष्ठा को जुटी,भीड़ अति भारी!
देखन में सोह रही प्रभु की छवि प्यारी।
बार-बार हुए जाते सेवक बलिहारी!
आत्मा को शीतल कर रही ये बयार है।
मंगल गाओ सभी,आज त्योहार है।
बरसों के बाद जग में,आयी ये बहार है
दीप जलाओ सखी,आज त्योहार है!!
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