Sumit Ravi   (@S.Rv.....)
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Joined 15 May 2020


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Joined 15 May 2020
17 APR AT 0:07

बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं,
लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं..!

नहीं लगेगा उसे देख कर मगर खुश है,
मैं खुश नहीं हूँ मगर देख कर लगेगा नहीं...!!

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18 JAN AT 23:07

Any fool can criticize, condemn and complain
- and most fools do.

But it takes
CharacteR & Self-ControL
to be understanding and forgiving.





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10 DEC 2023 AT 14:13


बहला सको मन अगर..
लगा के दिल किसी से तुम,
तो आज़ाद हो मेरी मोहब्बत की..
इबादत और शहादत से तुम!!

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10 DEC 2023 AT 11:41

YOUR WORST BATTLE
IS
BETWEEN
WHAT YOU KNOW
AND
WHAT YOU FEEL.

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10 DEC 2023 AT 11:31

तैयार करो दुर्बल मन को फिर से
लक्ष्य अभी मिला नहीं,

किया जीवन समर्पित जिस शाख को
उसपे पुष्प अभी खिला नहीं!!

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30 OCT 2023 AT 18:51

क्या ढूंढने से मिल जाता है..... सच में सब कुछ ?
वो सब कुछ.. जो बहुत कुछ है।
... कि सब, कुछ नहीं सामने उसके... इतना बहुत...
कितना अच्छा होता, अगर ढूंढ लेना ही मिल जाना होता
और मिल जाता वो.. जिसे ढूंढ लिया गया ।|

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12 OCT 2023 AT 19:08

जैसा दर्द हो वैसा मंज़र होता है..
मौसम तो इंसान के अंदर होता है!!

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9 OCT 2023 AT 9:10

होना चाहिए था मुझे, नाज़ ख़ुद पर भी
पर वो नाज़ मैंने, कभी किया ही नहीं..!

गिरेबाँ फटा जो, मेरा एक दफ़ा
गिरेबाँ फिर मैंने कभी, सिया ही नहीं..!

तरसता रहा रात भर मैं, प्यास में लेकिन
पानी फिर भी उठकर, मैंने पिया ही नहीं..!

शिकायतें कभी खुदसे, कभी जिंदगी से बेशुमार है मुझे
जो करना चाहिए था वैसे, वो मैंने कभी किया ही नहीं..!

ना तवज्जो दी खुदको, ना किसी ने मुझपर ख़ास ध्यान दिया
ख़ैर मैंने भी साथ मेरे, बर्ताव कुछ ख़ास किया ही नहीं..!

जायज़ नहीं उम्मीद ग़ैर से कर, ख़ुद को बेसहारा रखना
ज़माने भर में बाँटे आईने, मगर सामना खुदने कभी किया ही नहीं..!

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25 JUN 2023 AT 1:54

मैं लफ़्ज़ो से कैसे बताऊँ,
कितनी खास हो तुम..
जुदा होकर भी ख़तम नहीं होगा,
वो एहसास हो तुम..
मेरी हेसियत होती तो,
तुम्हारी किस्मत संवार देता..
एक दिल था जो तुम्हे दे दिया,
हजारो भी होते तो तुमपे वार देते.....!!

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22 JUN 2023 AT 13:10

तुम्हारा इंतजार न करते हुए भी,
हर मोड़ पर तुम्हारा इंतजार किया..
तुम्हारी उम्मीद न रखते हुए भी मैंने,
हर कदम पर तुम्हारी तमन्ना की...
तुम्हें ना चाहते हुए भी मैंने,
तुम्हें इतना चाहा की,
किसी ओर को चाहने की आशा भी नहीं रही...!!

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