Sumit Kumar   (Sumit)
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Joined 15 March 2018


Joined 15 March 2018
17 FEB AT 22:25

कोई किसी से अलग नही होता।।
बस किसी और का हो जाता है।।

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30 JAN AT 19:37

आदत है मेरे दिल को, दिल लगाने की ।
फिर इसको रोने को, कमरे का कोना बहुत है।

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24 JAN AT 22:08

ज़िन्दगी कहाँ लेकर जाएं गई, क्या मालुम
कहाँ जाकर ठहरे गई ,क्या पता
कौन हम सफ़र बन जाएं, क्या मालुम
कौन साथ छोड़ जाएगा, क्या पता
किस से नजरें मिले गईं ,क्या मालुम
किस पे दिल आयेगा, क्या पता
कौन दुश्मन बन जायेगा, क्या मालूम
किस से महोब्बत हो जाए, क्या पता
जिलो जिंदगी अपने ढंग से यारो
कब धड़कन रूक जाएं ,क्या पता।।

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19 JAN AT 21:32

मेरी आवाज़ में इतना शोर है कि, जब चुप होता हूं
तब भी आवाज़ आती है,।

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7 DEC 2023 AT 22:07

नींद नहीं आ रही
इसलिए याद आ रही है, के
याद आ रही है इसलिए नींद नहीं आ रही

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19 NOV 2023 AT 0:45

आज एक शक़्स से ऐसेे मिला। कि जैसे वो मुझे बरसो से जानता हो! हालांकि वो दिखने में भी मेरे ही जैसा था । बिखरे हुऐ बाल आंखों पर मोटा चश्मा चेहरे पर हल्का कालापन और मेरी तरह आवाज में भी गहरा पन और ठहराव ।और हम ने इतनी बाते की ! कि मानो वो भी बरसों से अकेला हो शीशे के उस पार।जैसे में शीशे के इस पार....

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30 SEP 2023 AT 12:43

ये ज़ुल्फें ये काजल ये मस्कारा।
सच बताना?
दिल देने के इरादे, से आई हो।
या दिल लेने के।

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24 SEP 2023 AT 1:19

हम उस की एक झलक से पागल हो गए।
जिसे वो पूरा मिलेगा उस का क्या होगा।

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20 SEP 2023 AT 11:53

चारागर की चारागरी से मुझें, क्या आराम होगा।
मेरे एक बार कहने से ज़रा, साकी को बुला दो।

मुझें रोग इश्क का है ,दवा का नहीं।
शराब से जाएगा ,शराब पिलादो।

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19 SEP 2023 AT 22:02

तेरा मेरी जिंदगी में ना होने से , ये तय हो गया।
तु भी किसी की हो गयी ,मैं भी किसी का हो गया।

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