ज़िन्दगी कहाँ लेकर जाएं गई, क्या मालुम
कहाँ जाकर ठहरे गई ,क्या पता
कौन हम सफ़र बन जाएं, क्या मालुम
कौन साथ छोड़ जाएगा, क्या पता
किस से नजरें मिले गईं ,क्या मालुम
किस पे दिल आयेगा, क्या पता
कौन दुश्मन बन जायेगा, क्या मालूम
किस से महोब्बत हो जाए, क्या पता
जिलो जिंदगी अपने ढंग से यारो
कब धड़कन रूक जाएं ,क्या पता।।
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