हाॅं मैं इकलौता बेटा था
गलती करके भी कभी नहीं माफ़ी मांगता था ना घर वालों से ना ही दोस्तों से......उल्टा अकड़ दिखाता था फिर भी भरपूर प्यार पाता था।
हाॅं मैं इकलौता बेटा हूॅं
कभी आंसू ना देखा था.......
तुमसे मुझको कुछ मिला ना मिला .....Ms168
रिश्ते में माफ़ी मांगना सिख गया , आंखों में आंसू मैंने देख लिया
तुम्हारे साथ होकर मैं खुद को संपूर्ण समझा था लेकिन तुमने खेल किया......मेरे हृदय को भेद दिया.....
फिर भी मैं करता हूं प्रेम तुम्हीं से क्यूंकि सचमुच में माना हैं मैंने तुम्हें प्रेयसी और आजीवन ही मानूंगा.....
✍️✍️✍️सु०सौरभ
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