Súmãñ Sõùrábh   (बाबा की कलम से)
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Joined 2 November 2019


Joined 2 November 2019
10 SEP 2023 AT 23:58

हो अंत.....
मेरे इस अनंत इच्छाओं का
ये इच्छाएं अनन्त इच्छाएं
हैं अंतिम-द्वार इच्छा
ये काल स्वरूप इच्छा


✍️✍️✍️सु० सौरभ


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13 JAN 2022 AT 12:18

उनकी यादों को भी याद रखिये
उनकी निगाहों को भी याद रखिये
हम तो कहते हैं ऐश किजिये
और खुद को भी याद रखिये☺️👍

✍️✍️✍️सु०सौरभ

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18 JUL 2021 AT 8:14

तुम युॅं गई
मुझे युं लगा
कि सबकुछ ढ़ोंग हैं मेरा जो तुम रोज याद आती हो
जो अश़्क लाती हो
जो आज
फिर सपनों में आई और युं ही अश़्क दे गई
कि सबकुछ ढ़ोग है मेरा.............Ms168



✍️✍️✍️सुमन सौरभ


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5 JUL 2021 AT 22:58

हाॅं
तुमसे पहले कोई ना थी
तुम ही मेरी सारी जज़्बात
हाॅं
तुमसे बाद कोई ना होगी
चाहे मौत खड़ी हो मेरे द्वार

✍️✍️✍️सु०सौरभ

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3 JAN 2022 AT 10:46

कोरा मन

I pretend myself
very busy one
Deep inside
I'm कोरा one
B'coz
I like
खाली मन
n अकेलापन

✍️✍️✍️सु०सौरभ




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5 JUL 2021 AT 22:52

I learnt from you
The Best way to get love.......... #Ignorance

Ignore the person who can leave everything to just be with you.......

Hurt the person who completely believes you.....

Forget the person who keeps remembering you forever without expecting ......Ms168

✍️✍️✍️S Saurabh

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26 MAY 2021 AT 20:22

कितना आसान होता होगा
पीछे मुड़ कर ना देखना
कितना कठिन हैं इंतज़ार
बस तुम्हारे पीछे मुड़ कर देख भर लेने का

मैं हर दिन हर दफा हर वक्त याद करता हूं Ms168

✍️✍️✍️सु०सौरभ

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23 MAY 2021 AT 20:48

जनाब़ मेरी इस मुस्कान पर मत जाना
बहुत राज़ छुपे हैं
नौका हैं ये मेरी
कि दरिया पार चले हैं😊

✍️✍️✍️सु०सौरभ

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23 MAY 2021 AT 10:04

जना़ब
आप इस मुस्कुराहट पर मत जाना
कई राज़ छिपे हैं
दर्दे ए दिल के हाल छिपे हैं
सच कहुं तो सिसकियां और इंतज़ार छिपे हैं

✍️✍️✍️सु०सौरभ

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21 MAY 2021 AT 23:13

हाॅं मैं इकलौता बेटा था
गलती करके भी कभी नहीं माफ़ी मांगता था ना घर वालों से ना ही दोस्तों से......उल्टा अकड़ दिखाता था फिर भी भरपूर प्यार पाता था।
हाॅं मैं इकलौता बेटा हूॅं
कभी आंसू ना देखा था.......

तुमसे मुझको कुछ मिला ना मिला .....Ms168
रिश्ते में माफ़ी मांगना सिख गया , आंखों में आंसू मैंने देख लिया

तुम्हारे साथ होकर मैं खुद को संपूर्ण समझा था लेकिन तुमने खेल किया......मेरे हृदय को भेद दिया.....
फिर भी मैं करता हूं प्रेम तुम्हीं से क्यूंकि सचमुच में माना हैं मैंने तुम्हें प्रेयसी और आजीवन ही मानूंगा.....

✍️✍️✍️सु०सौरभ


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