जो मेहताना बिना करते हैं मज़दूरी यहां पर सुबह से लेकर शाम तक -
जो मेहताना बिना करते हैं मज़दूरी यहां पर सुबह से लेकर शाम तक
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हम परिश्रम से घबराते नहीं मेहनत किए बिना खाते नहींहम सभी मज़दूर है यहां पर -
हम परिश्रम से घबराते नहीं मेहनत किए बिना खाते नहींहम सभी मज़दूर है यहां पर
जो अपने क़िस्मत के रोना नहीं रोते अपनी मेहनत के बदबुते पर अपनी कमाई की रोटी खाकर गुज़ारा करते वो सभी हैं मज़दूर यहां पर -
जो अपने क़िस्मत के रोना नहीं रोते अपनी मेहनत के बदबुते पर अपनी कमाई की रोटी खाकर गुज़ारा करते वो सभी हैं मज़दूर यहां पर
जो सूखी रोटी खाकर फटी पुरानी चादर ओढ़ कर पत्थर के फर्श पर सोकर भी आराम की नींद लेता है वही है मज़दूर यहां पर -
जो सूखी रोटी खाकर फटी पुरानी चादर ओढ़ कर पत्थर के फर्श पर सोकर भी आराम की नींद लेता है वही है मज़दूर यहां पर
मज़बूर होकर भी मज़बूत है मजदूर यहां पर -
मज़बूर होकर भी मज़बूत है मजदूर यहां पर
रात काली है तो क्या मुट्ठी में उजाला भर लो साए का हाथ जकड़ लो जुगनू का साथ पकड़ लो साहस और लक्ष्य बांध लो -
रात काली है तो क्या मुट्ठी में उजाला भर लो साए का हाथ जकड़ लो जुगनू का साथ पकड़ लो साहस और लक्ष्य बांध लो
जब कर्म मनुष्य को अज्ञानता के बंधन से मुक्त करता है और उसे मुक्ति का पथ दिखता है -
जब कर्म मनुष्य को अज्ञानता के बंधन से मुक्त करता है और उसे मुक्ति का पथ दिखता है
जब क़लम चलती है और अर्थ में जड़कर अल्फ़ाज़ बनते हैं -
जब क़लम चलती है और अर्थ में जड़कर अल्फ़ाज़ बनते हैं
নিশি শেষে আলোক হোক আলোক ছটায় ভোর হোক -
নিশি শেষে আলোক হোক আলোক ছটায় ভোর হোক
जब हम धर्म का काम करते हैं और पूजा पाठ में लिप्त होते हैं -
जब हम धर्म का काम करते हैं और पूजा पाठ में लिप्त होते हैं