सुधांशु गुप्ता   (हिन्दी लेख__🍁)
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स्वागत है... अटपटी सी दुनिया में...... 🙏🙇
Joined 21 April 2019


स्वागत है... अटपटी सी दुनिया में...... 🙏🙇
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मेहनत भी कठोर होगी, मंजिल भी बड़ी खूबसूरत होगी_
वक्त कर ले कितने भी सितम, इन सितम से ही जिन्दगी बनेगी!!

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बारहवीं की परीक्षा खत्म_स्वयं की परीक्षा जारी है,
किस्मत का पता नहीं, वक्त का अपना सितम जारी है!!

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कुछ राहों से भटक रहा हूँ, पर मंजिल को पाने का जोश अभी भी है;
हां मैं किसी को अपना साथी बना रहूँ, लेकिन मंजिल को कमी आपके पुराने साथ की भी है!!

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खिलाफत की हवाएं और मेरी मंजिल:-

अभी सर्द हवाएं हैं कभी गर्म भी चला करती थी,
यह मुझे मेरी मंजिल तक पहुंचने में बहुत रोका करती थी!

मौसम सर्द का है ठंडी हवा लहराती है,
हरदम मेरे पांव डगमगाने की कोशिश करती रहती है!

यह हवाएं कब तक रोकेंगी कब तक ताकत दिखाएंगी,
मैंने भी रखा है मंजिल पार करने का जज्बा आखिर यह मुझे किस हद तक रोकेंगी!

इन हवाओं से जो टकराया मैं -कई बार गिरा मैं,
लेकिन जो मंजिल पार करने का हौसला था उससे कहां हारा मैं!

यह हवाएं आंधियों के साथ आया करती थी, मुझे गिराया करती थी मैं गिर जाता;
मैं गिर जाता लेकिन जो मंजिल पार करने का जुनून था वो आखिर कहां गिरने देता!

यह सर्द हवाएं जब चली थी साथ सब ने छोड़ दिया था,
खैर मंजिल तो अकेले मिलने थी मैं क्यों सबके साथ के पीछे पड़ा था!

मैं जिस ओर चला करता था यह हवाएं उस और मेरे खिलाफ चला करती थी,
मैंने जो कदम बढ़ाया और आगे अपनी मंजिल की ओर यह और आंधियों के साथ आया करती थी!

यह सर्द हवाएं अब खत्म हो गई लेकिन मंजिल मुझे अभी तक मिली नहीं,
तुम क्या समझ रहे हो मंजिल मेरी कामयाबी को मौत अभी तक मेरे पास नहीं! !

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उसकी याद _और बारिश में भीगना !)बस और कुछ नहीं!!

दिन हुआ, मैं सोया तो नही रात भर खैर अब उठ गया हूँ मैं!
अभी थोड़े सी रात सी है कोई उठा नही बारिश में थोड़ा सा भीग लिया हूँ मैं!
दिन थोड़ा सा बड़ गया है- उजाला सर पर है अब एक हल्की सी मुस्कान में हूँ मैं
दिन भर इधर काम में रहा, उसकी याद में रहा उसी बीच एक खामोशी में हूँ मैं!
दिन है अभी हल्का सा मुस्करा लिया, अभी घर के सामने हूँ मैं,.
जब मिला समय मुझे थोड़ा सा एक बार उसकी तस्वीर देखने लगा हूँ मैं!
इसी तस्वीर के बहाने ही थोड़ा सा उसे महसूस करने लगा हूँ मैं!
जब कभी घर से निकलता हूं,बाहर घूमता हूँ थोड़ी सी बारिश में फिर भीग लेता हूँ मैं!
अब लौटा घर फिर से, थोड़ी सी खामोशी में फिर से हूँ मै! _!
अब थोड़ा सा घर के साथ खेल लिया कैसे भी उदास भरे पल को काट लिया मैने! _
अब रात होने को आयी है रात में अब अकेला हूँ फिर से मैं!
उसकी याद से घिर गया फिर बारिश में भीगने लगा हूँ मैं!
तस्वीर देख रहा हूँ उसकी, उससे मिलने के लिए उसकी आवाज सुनने को हूँ मैं!!
उसकी तस्वीर के सामने बारिश फिर हो पड़ी है और फिर से एक बार भीग गया हूँ मैं!!
कितना भीगा हूँ अब यह मत पूछना की आखिर किस हाल में हूँ मैं!! _😊

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मैं अब तुझसे तेरा वक़्त नही मांगता,
मैं अब और अकेला जीना नही चाहता,
खैर तुम समझो मेरी मोहब्बत तो देना साथ! मैं तुमसे अब अपने इश्क़ में कोई जबरदस्ती नहीं चाहता!!

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अच्छा सुनो!😊😊
तुझे पायल दिलाऊँगा, अपने हाथों से पहनाऊंगा;
तिरे चेहरे पर हर पल की मुस्कान देखना चाऊंगा,
तुझे सजने की जरूरत नहीं है तुझे देखकर मैं सवरना चाऊंगा,
तुम मुझे बिखरे भी अच्छे लगते हो, और मैं अपने रंग से तुम्हें सजाना चाऊंगा,
मैं तुम्हें सुख में देखूंगा, अब से तुम्हारे सारे दुख मैं लेना चाऊंगा,
मैं ज्यादा बड़े वायदे नहीं कर सकता, लेकिन हां आखिरी सांस तक तुम्हारा रहूंगा;
और सुनो मैं तुम्हें गुस्सा नहीं होने दूंगा, मैं थोड़ी सी तुम्हारी पिटाई सहना चाहूंगा;
हां एक बात और मुझे नींद नहीं आती मैं तुम्हारे पास, तुम्हारे हाथ✋से सोना चाहूंगा;
मैं ज्यादा कुछ नहीं तुम्हारा दिमाग चाटा करूँगा, लेकिन साथ में सर दबाना चाहूंगा;
हाँ तुम अपना ख्याल तो अपना रखते नहीं हो, तुम्हारा ख्याल मैं रखना चाहूंगा;
और हाँ तुम थोडे़ ज्यादा समझदार हो, तुम्हें थोड़ी सी पागलपंती देना चाहूंगा;
और हाँ सुनो दिल तो आप चुरा चुके हो, मैं तुम्हें अपनी सांस और देना चाहूंगा!! _
पगलू हो आप मेरी मैं आखिरी में बस एक बात कहना चाहूंगा_
कि मुझे अपनी मौत का कुछ पता नहीं, बस जब तक मेरी सांसें हैं तब तक आपका साथ चाहूंगा😊❤❣️

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ज़िंदगी Black And White जैसी_और ख्वाब रंगीन! __
परेशानी हर मोड पर_और ज़िंदगी नये रास्ते बनाने की शौकीन!!

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मेरी ज़िंदगी अब कुछ ज्यादा खूबसूरत हुई_
क्योंकि परेशानियों में भी अब मुस्कराने की आदत हुई!!

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उम्र छोटी_दर्द बहुत!,
समझा नही कोई मेरे जज्बात!!

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