Sourabh Rajak   (सौरभ रजक)
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Muhabbat h ya h fasana , iske dard m roya sara jamana
Joined 3 March 2019


Muhabbat h ya h fasana , iske dard m roya sara jamana
Joined 3 March 2019
7 FEB 2022 AT 23:20

तुम पड़ते हो तो इतने मायूस हो जातें हो
तो सोचो` इन्हें तो मैंने लिखा है...

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19 JAN 2022 AT 21:36

ये सर्द रात
वहीं चांद वहीं तारें
बस अब न मोहब्बत
न कोई ऐहले दिल है हमारे ....

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3 DEC 2021 AT 22:42

कास वो‌ मेरी बचपन की ज़िद होती
हम जरा रूठ कर बैठे होते
और घर वाले उसे ‌हर हाल‌ मेरा बना देते...

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25 NOV 2021 AT 21:41

मोहब्बतें किरदार में
जिस्म के व्यापार थे
और,
जाने वफा के नाम से
बस मोहब्बत शिकार थे ...

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25 NOV 2021 AT 21:16

हम खामोश हुए हैं दुनिया में मचल रही है
अब जो संभल रहे हैं दुनिया फिसल रही है.......

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14 SEP 2021 AT 2:09

नज़रें दिल करार दे
ना मुहब्बते व्यापार कर
हर पल रख दिल में उसे
ना मुहब्बते इनकार कर ...

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7 JUL 2021 AT 23:56

नजरें चुरा मोहब्बत का एलान करते हैं
वो कुछ इस तरह वफा की दास्तान करते हैं
और मोहब्बत तो रूहानी ही थी ना
तो कैसे यह जिस्मानी मोहब्बत का फरमान करते हैं

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21 JUN 2021 AT 0:28

इजहारे ए मोहब्बत न थी
नजरे दिल का करार था ।
वो महबूबे मोहब्बत किसी और को समझते रहे
और हमें तो बस उनसे ही प्यार था ।।

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18 JUN 2021 AT 23:34

जब कोई इंसान वह सारी चीजें करने लगे
जो आपको पसंद ना हो या गुस्सा दिलाती है
तो समझ जाना उसे अब आप की जरूरत नहीं रही
वह चाहता है कि आप खुद ही उसे छोड़ दें

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10 JUN 2021 AT 23:50

कुछ ख्वाब
कुछ ख्वाब देखें अनजाने थे
उन ख्वाबों में हुए बेगाने थे
कभी होते ना गम के ठिकाने थे
ना वाक़िफ थे हम इस जमाने से
यूं हुए हम इश्क दीवाने थे
जैसे पतझड़ के मौसम सुहाने थे
हम निकले थे उनकी राहों में यूं
जैसे उनके न कोई ठिकाने थे
यह ख्वाब बड़े बेगाने थे
जो थम ना सके इस जमाने में
कुछ ख्वाब देखे अनजाने थे
उन ख्वाबों में हुए बेगाने थे ....

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