Soni   (✍️सोनी 🥀)
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Joined 22 April 2019


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14 APR AT 12:45

पता नहीं अब भी क्या तुम से जोड़ रखा है ,
कुछ तो है,जो मुझे भीतर से तोड रखा है !

ना सफर ना मंज़िल बनोगे तुम मेरे यहां, क्यों
ना जाने फिर मैने रुख तुम्हारे ओर मोड रखा हैं!

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14 APR AT 12:38

तुम अब भी याद हो, यादों में भी बेहिसाब हो !

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5 FEB AT 21:15

कदम कदम पर रुह को मेरे तड़पाया गया,
‌ मुझे हर पल बेबस बनाया गया,
‌कहीं दुल्हन सी सजाई गई,
‌कहीं किसी की उपवस्त्र बनाया गया,
‌कभी तेजाब से कभी आशुओं से नहलाया गया ,
‌कभी जरूरी बताई गई, तो कभी गैरो के आगे बढ़ाया गया ,
‌ कदम कदम पर रुह को मेरी तड़पाया गया.........
‌कहीं हालतों के भेट चढ़ी मैं कहीं लाचार मुझे बताया गया ,
कहीं सस्ते में बिकी मैं,कभी आत्मसम्मान को मेरे झुकाया गया,
‌कहीं कांप गई रुह मेरी कहीं मुझे अधमरा बनाया गया,
‌ कदम कदम पर रुह को मेरे तड़पया गया,
मुझे हर पल बेबस बनाया गया !
~सोनी

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5 FEB AT 21:14

कदम कदम पर रुह को मेरे तड़पाया गया,
‌ मुझे हर पल बेबस बनाया गया,
‌कहीं दुल्हन सी सजाई गई,
‌कहीं किसी की उपवस्त्र बनाया गया,
‌कभी तेजाब से कभी आशुओं से नहलाया गया ,
‌कभी जरूरी बताई गई, तो कभी गैरो के आगे बढ़ाया गया ,
‌ कदम कदम पर रुह को मेरी तड़पाया गया.........
‌कहीं हालतों के भेट चढ़ी मैं कहीं लाचार मुझे बताया गया ,
कहीं सस्ते में बिकी मैं,कभी आत्मसम्मान को मेरे झुकाया गया,
‌कहीं कांप गई रुह मेरी कहीं मुझे अधमरा बनाया गया,
‌ कदम कदम पर रुह को मेरे तड़पया गया,
मुझे हर पल बेबस बनाया गया !
~सोनी

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7 JAN AT 22:40

किसी के लिए प्रेम महसूस करना अच्छा हैं,
पर उसे बताना अपना मजाक बनवाने जैसा हैं!

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26 DEC 2023 AT 22:57

दिल तुम्हारा भले दिल्ली में रह गया हो,
धडकन आज भी बनारस में ही धडक रहा है !

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23 NOV 2023 AT 21:24

इक रोज एक किताब लिखूंगी,
उसमे खूब प्यारी बात लिखूंगी |

जिये जो पल उसके एहसास लिखूंगी ;
मस्त मन का मेरे मै आगज लिखूंगी |

गुनगुनाए लम्हों के राग़ लिखूंगी
मुस्कुहाराट की ऐसी छाप लिखूंगी |

यादों के सारे अल्फाज लिखूंगी
मेरे दिल की आवाज़ लिखूंगी |

पूरे हुए सारे मेरे ख़्वाब लिखूंगी
खुद के खुद् कि दर्खास्त लिखूंगी |

मेरे शब्दो को पढ़कर खुद मे लोग जीं उठे
इतने प्यारी मैं बात लिखूंगी !

~सोनी




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29 OCT 2023 AT 23:10

Dukh yeah nahi ki ab bhi mai tujhe sochte hun,
Takleef iss baat ki hai ki Apna mankr Sochte hun.

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29 OCT 2023 AT 15:51

महसूस होता कुछ तो लिख देते,
फिलहाल खामोशी भीतर शोर मचा रही हैं!

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13 OCT 2023 AT 23:14

मैं अब कुछ नहीं लिखती,
मेरे हृदय में एक नन्हा शिशु रो देता हैं,
और मैं उसकी पीड़ा को
कागज पर उड़ेल देती हूं !

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