इत्तेफाक ही सही यूं मिलना तेरे सेजैसे सन्नाटे में एक गूंज सा कोईदिल में अब यूं संभालती हूं तुझेजैसे जेवर संभालता सा कोईहुई इश्क़ की हलचल है जनाब अबतो अब रिश्ते रास्तों का नहींमंज़िल का मोहताज़ बनाते है । -
इत्तेफाक ही सही यूं मिलना तेरे सेजैसे सन्नाटे में एक गूंज सा कोईदिल में अब यूं संभालती हूं तुझेजैसे जेवर संभालता सा कोईहुई इश्क़ की हलचल है जनाब अबतो अब रिश्ते रास्तों का नहींमंज़िल का मोहताज़ बनाते है ।
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है मोहब्बत मुझे,पर तुम्हे इससे आजाद करती हूंमैं खुश रहूं या ना रहूं, तूझे अब खुश रहने की वजह देती हूं,है मोहब्बत पर तुझे इस रिश्ते से अब आजाद करती हूं । -
है मोहब्बत मुझे,पर तुम्हे इससे आजाद करती हूंमैं खुश रहूं या ना रहूं, तूझे अब खुश रहने की वजह देती हूं,है मोहब्बत पर तुझे इस रिश्ते से अब आजाद करती हूं ।
तूझे आंखों से गले लगाया है मैंने,फ़लक से अलग तुझे ज़िंदगी माना है मैंनेहै इश्क़ तुझसे बेपनाह,फासले मिटाकर तुझे गुरूर बनाया है मैंनेअब करनी है एक ख़ता मुझे,तेरे से तेरी लक़ब चूरा उसे अपना बनाना है मुझे । -
तूझे आंखों से गले लगाया है मैंने,फ़लक से अलग तुझे ज़िंदगी माना है मैंनेहै इश्क़ तुझसे बेपनाह,फासले मिटाकर तुझे गुरूर बनाया है मैंनेअब करनी है एक ख़ता मुझे,तेरे से तेरी लक़ब चूरा उसे अपना बनाना है मुझे ।
इश्क़ का इज़हार कर तुम ऐसे गुम हो गए,जैसे सुबह में अख़बार को इज़्ज़त से लाकरशाम को कोने में बसर कर गए । -
इश्क़ का इज़हार कर तुम ऐसे गुम हो गए,जैसे सुबह में अख़बार को इज़्ज़त से लाकरशाम को कोने में बसर कर गए ।
हर एक मिनट मेरे यादों में बसेरा है तू,हर एक दुआ में मेरे लफ्जों पे पहरा है तू,,है ये इश्क मेरा तेरे से कुछ ऐसाअंधेरा में चांदनी के रौशनी जैसाहो मुक्कमल हमारी मोहब्बत वो खुदा किबन जाऊ मैं उसकी आधा वो मेरा शिवा । -
हर एक मिनट मेरे यादों में बसेरा है तू,हर एक दुआ में मेरे लफ्जों पे पहरा है तू,,है ये इश्क मेरा तेरे से कुछ ऐसाअंधेरा में चांदनी के रौशनी जैसाहो मुक्कमल हमारी मोहब्बत वो खुदा किबन जाऊ मैं उसकी आधा वो मेरा शिवा ।
अश्क की फरमाइश थी, पलकों पर आ गईंदर्द को हूनर थी, मुस्कुरा कर रह गईं। -
अश्क की फरमाइश थी, पलकों पर आ गईंदर्द को हूनर थी, मुस्कुरा कर रह गईं।
मुझे वादों की मंजर दिखा कर..वो गायब होता गया तेज रफ़्तार सेये ज़िंदगी तू भी दूर हाेजा..दिल की गमों के दरवाज़े से । -
मुझे वादों की मंजर दिखा कर..वो गायब होता गया तेज रफ़्तार सेये ज़िंदगी तू भी दूर हाेजा..दिल की गमों के दरवाज़े से ।
जेठ सी गर्मी जैसे बरसात को तरसती हैबिन तेरे रूह भी मेरे रूठ सी जाती है । -
जेठ सी गर्मी जैसे बरसात को तरसती हैबिन तेरे रूह भी मेरे रूठ सी जाती है ।
सुनो,,दर्द का मजा तो मैं चख कर आई हूं,ख्वाइशों की आरजू तो मैं मिटाकर के आई हूं,,अब तेरे से मोहब्बत तो मैं पाक साफ़ करने आई हूं,,इज़हार करके तो मैं अब निभाने आई हूं । -
सुनो,,दर्द का मजा तो मैं चख कर आई हूं,ख्वाइशों की आरजू तो मैं मिटाकर के आई हूं,,अब तेरे से मोहब्बत तो मैं पाक साफ़ करने आई हूं,,इज़हार करके तो मैं अब निभाने आई हूं ।
बस इतना सा प्यार तेरे से करना चाहती हूं,तेरे गले लगकर तेरी खुशबू चुराना चाहती हूं । -
बस इतना सा प्यार तेरे से करना चाहती हूं,तेरे गले लगकर तेरी खुशबू चुराना चाहती हूं ।