ये क्या हो गया मेरे शहर मेंबदल गई खुशियां कहर मेंयूं कराह रही थी जिन्दगियां किस ने लपेटा इन्हें, मौत के जहर में(odisha train tragedy) -
ये क्या हो गया मेरे शहर मेंबदल गई खुशियां कहर मेंयूं कराह रही थी जिन्दगियां किस ने लपेटा इन्हें, मौत के जहर में(odisha train tragedy)
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क्या तड़प है सीने में यारकोई दवा तो करे !!दवा ना सही तो जलन पर हवा ना करे !! -
क्या तड़प है सीने में यारकोई दवा तो करे !!दवा ना सही तो जलन पर हवा ना करे !!
आंखों में धूल झोंक ने में माहिर हैं कुछ लोगसचाई से बड़ा महंगा लगेगा झूठ का रोग जो ये बात नहीं समझेउन से बच के रहियो, मेरे दोस्त! -
आंखों में धूल झोंक ने में माहिर हैं कुछ लोगसचाई से बड़ा महंगा लगेगा झूठ का रोग जो ये बात नहीं समझेउन से बच के रहियो, मेरे दोस्त!
एक नशा है जिंदगीतो जी रहा हूंहर गम हर आंसूपी रहा हूंना दिखाना हुकूमतअपनी कभीरिश्तों के लिहाज़ में होंठ सी रहा हूं -
एक नशा है जिंदगीतो जी रहा हूंहर गम हर आंसूपी रहा हूंना दिखाना हुकूमतअपनी कभीरिश्तों के लिहाज़ में होंठ सी रहा हूं
कैसा रस्ता है कहां है जाना कौन से गढ़े में है पैर गड़ानापहले से जो मालूम होता हमे उंगली पर नचाते हम भी जमाना -
कैसा रस्ता है कहां है जाना कौन से गढ़े में है पैर गड़ानापहले से जो मालूम होता हमे उंगली पर नचाते हम भी जमाना
हर दिशा में भागने कीआदत हमारी "कुछ ना पाने" की बनी बीमारी हमारी -
हर दिशा में भागने कीआदत हमारी "कुछ ना पाने" की बनी बीमारी हमारी
रस्ते बदहाल देखें हम नेपैरों से गढ़े नाप के देखें फिर भी चलना हमारा पसंद नहीं तो चिकनी सड़कों पर चलने वालें हमे चलना सिखाके देखे -
रस्ते बदहाल देखें हम नेपैरों से गढ़े नाप के देखें फिर भी चलना हमारा पसंद नहीं तो चिकनी सड़कों पर चलने वालें हमे चलना सिखाके देखे
हर दिन का हादसा था हर दिन का वाकिया जल रहा था तन से मन सपनों का आशिया।धुआं धुआं सा उठापर दिखता ना किसी को थाजिम्मेदारियों, फकत जिम्मेदारियांधस रही थी आंखों में बन केदावेदारियां,ख्वाबों को फिर से जिंदा करने कीकोशिश में,जूझ रही थी पल पल हमारी फनकारियां । -
हर दिन का हादसा था हर दिन का वाकिया जल रहा था तन से मन सपनों का आशिया।धुआं धुआं सा उठापर दिखता ना किसी को थाजिम्मेदारियों, फकत जिम्मेदारियांधस रही थी आंखों में बन केदावेदारियां,ख्वाबों को फिर से जिंदा करने कीकोशिश में,जूझ रही थी पल पल हमारी फनकारियां ।
इक बार फिर लड़ के दिखागर्दन नहीं जो तेरा डर काटेउस सूली में चढ़ के दिखा इक बार फिर लड़ के दिखा -
इक बार फिर लड़ के दिखागर्दन नहीं जो तेरा डर काटेउस सूली में चढ़ के दिखा इक बार फिर लड़ के दिखा
जिंदगी कटी तो इक लाश की तरहजिंदा तो हूं पर ना किसी आस की परवाह एक एक करगुजर जाएंगी उम्मीदें "अकेलापन" रहा साथ मेंकिसी खास की तरह -
जिंदगी कटी तो इक लाश की तरहजिंदा तो हूं पर ना किसी आस की परवाह एक एक करगुजर जाएंगी उम्मीदें "अकेलापन" रहा साथ मेंकिसी खास की तरह