मिल जाएंगे हम उस जहां में
जहां हर रिश्ता स्वीकृत होगा
तुझे न रहेगा जमाने का डर
साथ हमारा लिखित होगा,
तक़दीरे लिखवा कर लाऊंगी
मैं हाथों पे तेरे नाम की
जैसे राधा रहीं हमेशा बनकर श्याम की
हाथ पकड़ कर तुझे मैं सबके
सामने अपना बताऊंगी
मांग में सिंदूर डाले तुझे अपना बना
मैं तेरी बन जाउंगी
फिर हमारा रिश्ता ना टूटेगा
तू मेरा हमेशा के लिए हो जाना
मैं अपनी पूरी दुनिया तूझे बनाऊंगी,,!!— % &
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