चलो स्वतंत्र भारत की कहानी ज़हन में लाते हैं
अमर वीर बलिदानों का क़िस्सा आज दोहराते हैं!
ग़ुलामी मुक्त, स्वतंत्रता पूरक आज जो हमारा देश है,
छुपा इनमें कई महापुरुषों का वेष है।
पहल क्रांति की, उठा नारा द्वेष का
सूली पर थे मंगल पांडे
पर नारा था वो विध्वंस का।
महान वो महापुरुष और महान उनका नारा था,
केवल स्वतंत्रता नहीं स्वाभिमान भी उनको प्यारा था।
क़ुर्बान हो मिट्टी की ख़ातिर
चंद्र शेखर, भगत सिंह संग कईयों ने लाखों को रुलाया था।
अहिंसा का दामन थाम बापू ने स्वतंत्रता का मार्ग दिखाया था,
पूरे हुए भारत के सपने और तिरंगा आसमान में आज़ादी का फहराया था।
क़ुर्बान हुए लाखों देश के ख़ातिर,
पर मौत के उन घड़ियों में भी चेहरे पर अभिमान था।
सोच विचार परे थे उनके,
पर हर लबों पर उनके हिंदुस्तान था।।
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