तू मुझे तब मिला जब मुझे तेरी जरूरत थी
मिल के भी ना मिला तू ....ऐसी भी क्या मजबूरी थी
दिल में हजार सवाल समेटे
ज़िन्दगी गम से लपेटे
अपनी ही बुनी हुई दुनियां में
खोई ही जा रही थी कि
तूने आ के झट से मुझे थाम लिया
ना जाने तब से मुझे क्या हुआ
ना मै खुद की रही ना ही तेरी बनी
बस अपने आप को मैंने सम्हाल लिया
तेरे मिलने के लम्हे भी गुजरते रहे
और मैंने पता नहीं कब खुद को ढाल लिया
तू चला तो गया
पर तेरी याद अब भी मेरे साथ हैं
कोई रिश्ता ना हो कर भी
तू मेरे लिए बहुत खास है
-