Smita Upadhyay  
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Joined 21 February 2019


Joined 21 February 2019
18 HOURS AGO

मैं नही जानती कि मैं अच्छी हूँ कि बुरी हूँ...
मेरी कीमत पीतल की या सोने से खरी हूँ...
पर दूसरों की तकलीफ से बेचैन हो जाती हूँ...
इंसान बनने की कोशिश करती हूँ भावनाओ से भरी हूँ...
शायद इसलिए मैं.......

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3 MAY AT 11:59

खुद की

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3 MAY AT 7:54

जब हम दर्द और तकलीफ़ में होते हैं... दुःख का सामना नहीं कर पा रहे होते...तब उसे ही याद करते हैं जो सबसे अजीज़ है... सबसे क़रीब...लेकिन उससे भी कह नहीं पाना शायद ज़्यादा तकलीफदेह है...अपने अजीज़ रिश्ते में एक खिड़की हमेशा खुली रखनी चाहिए ताकि कितने भी शिक़वे शिक़ायत हों... तकलीफ़ बाँटी जा सके...

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3 MAY AT 7:51

शायद नसीब हो अपना

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2 MAY AT 7:40

कभी कभी लगता है कि,
मेरी उम्र की महिलाओं में ,
शायद मैं ही हूं जिसमे,
इतना ज्यादा बचपना बाकी है अभी,
जबकि अब बढ़ती उम्र में ,
मुझे हो जाना चाहिए खुद से भी ज्यादा समझदार,
छोड़ देना चाहिए ये बचपने का दामन,
मुझे और ज्यादा सहज हो जाना चाहिए,
ये जो बात बात पर हंस देती हूं,
मां अक्सर कहती रहती है मुझसे कि ,
लड़कियों के यूं बात बात पर हंसने से,
लोग उन्हें गलत समझ लेते है,
मुझे लगता है मुझे अपनी इस बेबाक हंसी पर भी,
अब विराम लगा लेना चाहिए,
मुझे हर बात की गिरह बनाकर ,
रख लेना चाहिए मन के कोने में कहीं,
लोगों से इक दूरी और दायरा बनाकर रहना चाहिए,
मुझे ये बच्चो से मिलती जुलती,
हरकतें अब नही करनी चाहिए,
मुझे संभलना चाहिए किसी के कहने से पहले,
मुझे बड़ों जैसी अब समझ रखनी चाहिए,
ये बच्चों के संग कभी कभार खेलना,
उनकी हंसी ठिठोली में भागीदार बनना,
ये सब शायद अब नही है मेरे लिए,
मुझे बच्चो के बीच,
बड़ों जैसा गंभीर अब रहना चाहिए ,
ख़ैर....
मुझे बदलना नहीं आता ,
हां वक्त सब कुछ सिखा देगा धीरे धीरे ,
वो बात अलग है....
Smita

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29 APR AT 21:42

जिन्दगी एक पहेली की तरह ही है
इसे सुलझाने में ही उम्र बीत जाती है

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27 APR AT 17:50

अक्सर मैं सोचती हु की...
लोगो ने क्या कुछ नही कहा मुझे...
किसी ने अच्छा कहा तो किसी ने बुरा भी कहा...
किसी ने प्यार किया तो किसी ने नफ़रत भी दी...
किसी ने फालतू भी कहा तो किसी ने खूबसूरत भी कहा...
किसी ने आँखों की तारीफ की तो किसी ने दो चार बाते भी बनाई...
क्या कुछ नही कहा...
जवाब देना मुझे भी आता था...
मगर सोचा नहीं छोड़ो बोलने दो...
क्युकि जिसकी जैसी सोच उसको वैसे ही नज़र आते है लोग
बस मुस्कारते रहो...
नज़रअंदाज़ करिये बस...

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26 APR AT 8:16

एक सुलझी हुई लड़की...
तुझमें आज भी उलझी है...

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25 APR AT 22:30

कभी कभी शब्द नही होते तकलीफ बताने को....

बस दिल करता है...कोई समझ ले...संभाल ले...
और गले लगा ले...v

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25 APR AT 22:14

कुछ बातें हम मुस्कान में छिपाते हैं पर वो बड़ी जिद्दी होती हैं आँखों में उतर आती हैं...

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