नए उमंग का हैं आगाज़
चलो खुद को नया अंदाज देते हैं।
यादों में ज़ख़्म नहीं, सिर्फ़ खुशियों को ख़िताब देते हैं।
अधूरी ख्वाहिश नहीं ,दिल को नया ख़्वाब देते हैं।
मिटती लकीरों को, फिर से साज़ देते हैं।
अनसुनी खामोशियों से भरा हैं जो, फिर उन्हें आवाज़ देते हैं।
बिखरें लब्जों को , फिर से अल्फ़ाज़ देते हैं।
उड़ते रहे जो लहज़े में ,ऐसे परिंदों को परवाज़ देते हैं।
बन मुसाफ़िर बेहतरीन खुद को नाज़ देते हैं।
सफ़र में हर मंज़िल से मुलाकातें होती रहें, जिंदगी को ऐसा सरों-ताज़ देते हैं।।...
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