"दिल की बातें दिल तक पहुंच गई,
मुझे लगा था मैं उसका ही हो गया, पर वो चली गई।
वह जाति का बोझ लेकर चली गई,
मैं अकेला रह गया, हाय ये ज़िंदगी खो गई।
किस्मत में था मिलना, पर उसने भुला दिया,
उसकी यादों में ही मैंने अपना दिल खो दिया।
रातें बीती, यादों में खोया,
ज़िंदगी का तो जूनून ही चोरी हो गई।
कैसे बताऊं तेरे साथ की बातें,
तेरे बिना, हर दिन है बस दुखी हो गई।"
Siddharthamanthena
2/5/2024.
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