Shweta Goswami   (Shweta goswami)
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आप सभी मेरे साथ है आपसे ही मेरी पहचान है
Joined 26 October 2019


आप सभी मेरे साथ है आपसे ही मेरी पहचान है
Joined 26 October 2019
26 JAN AT 16:56

खुद पर बीती तो एहसास हुआ उसे
वरना हम तो हमेशा गलत थे




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30 DEC 2023 AT 0:21

बेरहमी से कुचला अरमानों को मेरे
सपनों को मिट्टी में दफना दिया
उम्मीदों को जलाकर धुआं सा छोड़ दिया
चरित्र को उछाल दिया बाजारों में
कभी हाथों से तो कभी शब्दो से मारा मुझे
अभागिन,मनहूस, शनि, चरित्रहीन, वैश्य, बाजारु
कहकर भी बुलाया मुझे
अपनो में भी तिरस्कारा मुझे
कभी संस्कारों पे तो कभी नियत पे बोला मुझे
कभी घर से तो कभी दिल से भी निकलने को कहा मुझे
........................!!


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12 JUL 2023 AT 14:53

तमाशे में खूब ताली बजाया
भीड़ में खड़े होकर उसने भी
बदल गया पन्नों के साथ
वो कहानी भी
अब किताब भी नई है
और कहानी भी.....!!!!


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25 MAR 2023 AT 15:26

कहने को
मगर अब दिल नही करता
कुछ कहने को



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31 JAN 2023 AT 1:05

खामोश कर गया वो शख्स मुझे
जो हर वक्त सुनता था मुझे....!!

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21 OCT 2022 AT 14:59

अधूरी ज़िन्दगी में थी
मगर सपनों में वो हर रात पूरा था।

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16 OCT 2022 AT 19:43

वो मुझमें खुद को इतना भरता गया
कि मुझसे ही मुझको खाली करता गया



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11 SEP 2022 AT 13:57

खुद पर गुजरी तो समझ आयी
कीमत मिट्टी की
वरना अब तक तो हम आसमान में उड़ रहे थे

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13 JUL 2022 AT 23:32

काश फिर से शुरू होता
किस्सा ज़िन्दगी का
शुरू से शुरू करते
सफर ज़िन्दगी का
कमी जो भी रह गयी
इस जिंदगी के सफ़र में
अफसोस न करते इस ज़िन्दगी में
शुरू होता सफर फिर, शुरू से
न इस ज़िन्दगी से कोई शिकायत होती
न अफ़सोस इस ज़िन्दगी की होती
एक ज़िन्दगी फिर नई सी शुरू होती
वहीं होती नौ माह (मां) के कोख में
न होती समझ सही की और न गलत की
मस्तिष्क में जोर न होता किसी बात का
न ज़िन्दगी में मेहसूस होती कमी किसी बात की
किस्सा फिर से शुरू होता ज़िन्दगी का
जो अधूरा है इस जिन्दगी में
होता पूरा उस जिन्दगी में......!!!!

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3 JUL 2022 AT 11:54

उसने एक कब्र खोदा
मेरे ही नाम का
चलते चलते खुद ही गिरा
उस कब्र में
कुछ लोग आकर दफना गए।

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