Shubhi Jaiswar   (Shubhi jaiswar)
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Joined 23 April 2020


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Joined 23 April 2020
9 JUL 2022 AT 9:26

नजरे चुराना भी एक अलग जंग हैं.

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1 JUN 2022 AT 18:52

इश्क में उसके बदनाम हूं मैं,
हाल बहाल-कमाल हूं मैं!
कोशिश जो ना भी करू,
वो कहता है बेमिसाल हूं मैं!

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15 JAN 2022 AT 18:05

उसे जाता देख , दिल ने कहा रोक ले,
फिर कहा अपने दिल के ये ख्वाब रोक ले।
मैने चाहा जिसे इन दिनों,
उसने कहा अपना ये ख्वाब तोड़ ले।
हाथ थाम बिठा लू तुझे,
कोशिश थी बना लूं अपना तुझे।
तेरी नजरो से बचती हूं,
छुप कर तुझे देखा करती हूं।
तेरा नाम होना, तेरा नाम होना,
हां मैने यही ख्वाब है देखा।
तेरे साथ गुजारे लम्हे,
दिन बदलते है मेरा।
चल हाथ थाम ले अब मेरा,
और खत्म कर इंतजार ये मेरा।

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14 JAN 2022 AT 12:00

कभी आंखों में देखना,
बातें कम पड़ जाएंगी।
शायद ये बात कहने मैं,
मुझे सदियां लग जाएंगी।

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6 DEC 2021 AT 10:55

उम्मीद से दुनिया कायम हैं,
मेरा नाम मेरी कलम से कायम हैं।
आजकल गायब है वो चेहरे,
मुझे देखकर हस्ते थे जो चेहरे।
लाख बुराई करके भी हस्ते थे जो,
खुद की कमियां गिनना ना जानते थे वो।
सवाल ये नही कि अब कहा हो,
बस दिल कह रहा था जिंदा तो हो!?
अभी कोई खुशी नही है,सुकून हैं।
इससे छीनना चाहते हो!?
कोई दाग ना हो तो दिक्कत तो नही!?
क्या पता अब हमे तो इतना मतलब नही।
चलो होगी अब बातें काफी,
हमे तो और भी काम हैं बाकी।

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25 OCT 2021 AT 13:05

तुम ढूंढते रहो प्यार शहर मैं,
मैने शहर की अच्छी चाय ढूंढ ली हैं।

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6 SEP 2021 AT 16:55

मैं एक सफर तय करती हूं,
खुद से मिलने को रोज निकलती हूं।
हो जायेगी वो भी पूरी,
यही ख्वाहिश अभी है अधूरी।

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5 JUL 2021 AT 20:36

होता बहुत कुछ है..
बस ये,
खामोशी है जो चुप है।

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13 MAY 2021 AT 17:25

वो जानते हैं अब लिख नही सकती मै,
उसने मुझे लिखा हैं यूं।
उसने कहा है प्यार से लिखी किताब हूं,
उसने मुझे पढ़ा हैं यूं।

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27 MAR 2021 AT 1:19

आज की भोर में,थोड़ा शोर था।
वो यही है कही,की सोच में बस दिन गुजर रहा था,
वो यही है कही...
की सोच में बस दिन गुजर रहा था।

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