दिल पर कुछ निशान हैं,
किसी गहरी चोट की पहचान हैं।
बंदों के आने जाने का, दुनिया एक मेला है,
और इस मेले में दिल, बहुत अकेला है।
अब ये हंसना रोना मुझे किश्तों में नहीं है,
राई जितना भी भरोसा मुझे रिश्तों में नहीं है।
छोड़ देते हैं अकेला, जहां साथ निभाना चाहिए,
चलना सीख लेना अकेला, वक्त बुरा हो तो आना चाहिए।
कम कहूंगी, मतलब बहुत होगा,
अपने आप को रोशन कर लेना, रस्ते में अंधेरा बहुत होगा।
हालातों के तपते सूरज के तले भी, हिम्मत लहकनी चाहिए,
आबरू तार हो जाए, पर क़िरदार की खुशबू महकनी चाहिए।
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