की कितनी दफा आपके सामने घुटने टेके है ज़रा याद रखना
याद रखना की अपने मोहब्बत की हज़ारों दलिले दी है..
बहुत गुरेज किया है, बस पता नहीं था की आपके अदालत में बेपनाह इश्क़ करने पे बेबुनियाद सुनवाई होती है..
याद रखना तुम ज़िन्दगी तुम बंदगी तुम आंसू तुम मुस्कान तुम ही दिन और रात हो मेरी
तुम धड़कन तुम मीत तुम प्रीत तुम संगीत हो मेरी..
कुछ फैसले हक़ में हो ना हो पर याद रखना आँखों में काली पट्टी लगाने से अंधेरा होता है रात नहीं होती..
याद रखना की मोहब्बत की है उस हद तक जहां हद खत्म हो जाती है
की वक़्त रहते कदर हो तो मौत भी सुहानी लगती है वरना ज़िन्दगी जहन्नुम जैसी बेगानी लगती है..
याद रखना की कही देर ना हो जाए
और क्या क्या दलिले दू अपनी मोहब्बत की याद रखना की आपका मेरे रास्ते तक आने तक कही मेरा रास्ता बदल ना जाए कही मुझे मौत ना आ जाए..
"याद रखना की तुम सुहानी याद हो मेरी,भरोसा है तुम अपना बनाओगे मुझे याद रखना बस याद रखना"।।
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