SHIVAM JATAV   (कवि शिवम् जाटव 📝)
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Joined 19 April 2019


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Joined 19 April 2019
16 MAY AT 21:04

जब हम साथ होते है।
हाथों में दोनो के हाथ होते है।।
थम जाता है वक्त सारा का सारा।
समा बन जाता है और भी प्यारा।।

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22 APR 2021 AT 20:34

मुक्तक
कुछ दिन रैली बंद कर दो नेता बात मान लो।।
थोड़ी सी इंसानियत हो जिन्दा बात मान लो।
यही समय दिया है ईश्वर ने जनता की सेवा का।
अभी छोड़ दो ये चुनावी धंधा बात मान लो।।

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17 APR 2021 AT 23:19

मुक्तक 👇
जो मर गए है उनको भर दिया है थैली मे।
न हमारा सुने ,न बो सुने जो बैठा डेहली मे।।
किस ने क्या खोया इसकी बात न करना।
अभी नेता हमारा लगा हुआ है चुनाव रैली मे।।

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12 APR 2021 AT 20:41

बचपन सारा कही खोते गए।
जैसे जैसे हम बड़े होते गए।।

न लड़ते न झगड़ते किसी बात पर।
धीरे धीरे समझदार हम भी होते गए।।

हर बार वादा करता है कोई नेता।
हर बार ये वादे से मुकरते गए।।

कोई कुछ न ले जा सका इस संसार से।
जो भी गए सब यही छोड़ते गए।।

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11 JAN 2020 AT 13:23

ये मेरा प्रथम song है। किसानों कि समस्या व ठंड को याद करते हुए लिखा ये song आसा करता हूँ सबको पसंद आएगा।

जाड़ा, जाड़ा,जाड़ा,जाड़ा।
कैसा पड़ा इस साल ये जाड़ा।।
(पूरा song अनुशीर्षक में पढ़े)
तर्ज-जय जयकारा,जय जयकारा

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29 DEC 2019 AT 17:26

जाड़ो लगे भौजी,जाड़ो लगे।

पहली बार लोकगीत का प्रयास किया है
कैसा लगा बताए जरूर, जो त्रुटियाँ हो
उनसे भी अवगत कराएँ।
(अनुशीर्षक में पढ़े।)

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2 APR 2021 AT 15:25

बीते दिनों का हाल न पूँछो।
तुम मुझसे कोई सवाल न पूँछो।।

बढ़ती बेरोजगारी और कोरोना की मार,
कैसे मचा रखा है बबाल न पूँछो।।

जिस पर भरोसा किया उसी ने धोका दिया।
सब पूँछो पर नौकरी पर सवाल न पूँछो।।

सबके अच्छे दिन आयेगे इस देश मे।
पर अभी क्या हुआ है हाल न पूँछो।।

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30 MAR 2021 AT 14:01

बैर,नफरत की हम न बोलें बोली।
आओ मिलकर सभी संग खेले होली।।
मिलबर्तन एकत्व का रंग चढे सबको।
मिलकर खुशियाँ मनाओ बना लो टोली।।

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18 MAR 2021 AT 9:01

एक चिड़िया कह रही थी कब से।
मै न जागा था सो रहा था जब से।।

बचपन मे एकबार रोटी छीनी थी इसने।
इससे मेरा रिश्ता जुड़ा हुआ है तब से।।

मुझे जगाने आ रही थी कट गयी।
इस पंखे से नफरत हो गयी अब से।।

तुम्हारे घर मे घर बनाये तो बनाने देना।
मै हाथ जोड़कर विनय करता हूँ सब से।।

इस बेजुबान को कभी कुछ न हो सुनो।
तुम भी दुआ करो मै भी दुआ करता हूँ उस रब से।।

तुम्हारे घर मे घर बनाये तो बनाने देना।
मै हाथ जोड़कर विनय करता हूँ सब से।।

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15 MAR 2021 AT 9:56

समय के साथ तुझे ढलना पड़ेगा।
औकात से ज्यादा अब पढ़ना पड़ेगा।।
दिनों-दिन ये निकलता जा रहा है।
छलांग लगा तुझे ही पकड़ना पड़ेगा।।

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