shivam chadar   (shivam chadar)
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Joined 10 February 2017


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Joined 10 February 2017
29 SEP 2022 AT 23:43

नदी बह कर
बना लेती है पत्थरों में रास्ता ,
जैसे चूमती हो उन्हे
और वो बिखर जाते हों,

जब तक प्रेम है,
सघन कठोरता भी
कितनी खूबसूरत लगती है ।

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7 AUG 2022 AT 16:15

एक व्यक्ति के चरित्र से
आप उसके मित्र की
समझ भी पा सकते हैं,
बशर्ते , गाली देना
एक अपवाद माना जाएगा ।

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27 JUL 2022 AT 18:40

जब तक हम इंसान से प्रेम नहीं करते
ईश्वर से की गई इबादतें
और सारा आडम्बर
निष्फल है व झूठ है ।

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8 MAR 2022 AT 22:58

कविता का जन्म भी स्त्री से ही हुआ होगा ,

सारगर्भित सम्वेदनाएँ , सौंदर्य और दृढ़ होना
उसे स्त्री ने सिखाया होगा ।

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26 JAN 2022 AT 17:02

आदमी जब गिड़गिड़ाता है

उसके घुटने छिल जाते हैं

और फिर वह

ईश्वर के सामने बैठ

प्रार्थनाएं भी नहीं कर पाता ।

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10 FEB 2019 AT 20:48

When You Are Alone

देखा है मैंने तुम्हे
अकेले में मुस्कुराते हुए
और अफसोस में कभी
अपना मुंह बनाते हुए ।
दुनिया से दूर , बहुत दूर
बातें बनाते हुए
हाँ देखा है मैंने तुम्हें
अचानक उछल जाते हुए ।
मगर ये कैसा अकेलापन हुआ
जो देख पाता हूँ तुम्हे हरदम
खुद की शक्ल पर
शायद हम एक ही हों !!

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15 OCT 2021 AT 17:13

हर वर्ष जलता है
फिर जी उठता है
या तो रावण अमर है ,
या करोड़ो सिर हैं उसके
धरती पर
और हम जलाते हैं
सिर्फ दस प्रतिवर्ष ।
या साल भर अत्याचार करके
एक दिन आत्मशुद्धि
करने आता है रावण ।
अन्यथा रावण आम आदमी है
और हम नेता ।

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15 AUG 2021 AT 15:05

कुछ दिनों बाद
जब हम
अमर हो जाएंगे ,
मरने के बाद
गिनी जाने वाली
अच्छाई खत्म हो जाएंगी,
और कविताएँ पहचानना
मुश्किल हो जाएगा ।
अमर होकर
या तो हम शैतान बनेंगे
या भगवान
और दोनों शायद
किसी की नहीं सुनते ।
हम अमर होने के बाद
केवल प्रलय देखेंगे ।

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30 JUL 2021 AT 19:17

वो देख न पाएँ मुझे
एक भी बार

सो देखता हूँ मैं उन्हें
बार बार

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20 JUL 2021 AT 15:08

यात्राएं ही सारी दुनिया को
खूबसूरत बनाती हैं।
वे जीवित रखती हैं
पहाड़ , नदी और झरनों को ।

सृष्टि की अंतरात्मा में
प्रेम की अनुगूँज होती हैं
यात्राएं ।

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