Shivaji Sen Gold   (- CवाG Sen "Gold"✍🏻)
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Joined 3 April 2019


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20 JAN 2023 AT 9:34

हर इक दास्ताँ हमारी ये जमाना याद रक्खेगा
पढ़ेगा ग़ौर से आशिक़ फ़साना याद रक्खेगा


तुम्हारे कान की बाली तुम्हारे होंठ की लाली
तुम्हारे कंधे पर है तिल दिवाना याद रक्खेगा।।

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13 SEP 2022 AT 21:53

1222 // 1222 // 1222 // 1222
हजारों तोहमतें हम अपने सर लेकर निकल आये
हुए महफ़िल में उसकी रुसवा तो रोकर निकल आये//1

हंसी लेकर निकलते है सभी दहलीज़ से उनकी
मियाँ इक हम है उनकी गालियाँ सुनकर निकल आये/2

मेरे कंधे पे सर रखकर दरख़्तों ने बहुत बहुत रोया
दिलाएंगे तुम्हें इंसाफ समझाकर निकल आये।।3

वो जिस्मों का पुजारी है कहाँ समझेगा रूहों को
सो उसको जिस्म देकर रूह को लेकर निकल आये।।4

डुबा देगें मेरी आँखों से निकले हिज्र के आँसू
परेशां है समंदर जब से ये कहकर निकल आये//5

लवो को चूम लूँ उसके यही तो चाहती थी वो
मगर हम गाल उसका हाथ से छू कर निकल आये//6

गले का हार, कंगन, झुमके, पायल और मसकारे
अमीनाबाद पूरा बैग में भरकर निकल आये //7

रिजाइन दे रहे हैं नौकरी ए इश्क़ से अब हम
नहीं करनी है ऐसी नौकरी लिखकर निकल आये//8

थीं जिम्मेदारियाँ हम पे कमाने थे शह्र आकर
हुवा यूँ अलविदा हम गाँव को कहकर निकल आये//9

शिवाजी सेन "गोल्ड" गोण्डा ( उ0 प्र0)


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17 JUL 2022 AT 12:14


1222// 1222// 122


तलाशी में मिला ख़ंजर नहीं है
फ़क़त है हादसा मर्डर नहीं है//१

चले आओ बहाना करके तुम
सुनो दूजा कोई घर पर नही है//२

वो लड़की है करीबी दोस्त मेरी
मगर उससे कोई चक्कर नहीं है//३

तुम्हारी जब कहे मर्जी तब आओ
हमारा दिल तेरा दफ्तर नही है//४


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17 JUL 2022 AT 7:23

2122 // 2122 // 2122 // 212

आप हैं नाराज मेरी बात सुनते क्यो नहीं
जहन में है कोई जज़्बात तो कहते क्यों नहीं //१


ज़ख्म देता है लकड़हारा कुल्हाड़ी से ,मगर
ये बताओ पेड़ कटने पर भी रोते क्यों नहीं //२


उठ चुका है झूठी कसमों से भरोसा बाखुदा
कसमे गर सच होती है तो लोग मरते क्यों नहीं //३

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17 JUL 2022 AT 6:43


न सिगरेट न शराब और न ही धूम्रपान करेंगे

हम अपने आपको तुझपे नहीं कुर्बान करेंगे



तुम्हारी बेवफ़ाई पे नश नही काटेंगे मोहतरमा

हम नए दौर के है आशिक़ रक्तदान करेंगे।।

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17 JUL 2022 AT 6:41



माना हमसे बेहतर उन्हें मिलते रहेंगे
मग़र हमें छोड़ने वाले भी हाथ मलते रहेंगे

मुकदमा दायर करेंगे अदालत जाकर
मुसलसल वो तारीख़ पर तो मिलते रहेंगे

इन्हें कौन संभालेंगे तेरे जाने के बाद
ये लड़के बेचारे हँसते हुए भी रोते रहेंगे

जब तलक बादशाह को बन्दी नहीं बनाया
तब तक ये जंग यूँ ही चलते रहेंगे ।।

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17 JUL 2022 AT 6:38

यूँ बेवज़ह परिंदो को सताने वाले

मुहब्बत क्या समझेंगे ज़ालिम जमाने वाले





रूबरू जब वो आये तो पलके झुका लेना

जिंदा नहीं बचे हैं उससे नजऱ मिलाने वाले ।।

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17 JUL 2022 AT 6:36



1222 // 1222// 1222 // 1222

गुजारा है जो तेरे साथ सुब्हो शाम लिक्खेंगे

मुहब्बत का वो हर मंजर तेरे ही नाम लिक्खेंगे//१

सिसककर हाल इस दिल का सुनाएगी तेरी छुटकी

कलेजा चीर कर तेरा लहू से नाम लिखेंगे//२

लिखेंगे हुस्न पर उस अफसरा के ताजा गजलें

मगर मक्ते में अपना नाम हम गुमनाम लिक्खेंगे।।३

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17 JUL 2022 AT 6:31

2122// 1212 // 22

क्या बताऊँ सवाल कैसा है
आप ही जाने बवाल कैसा है


रो पडूँगा मैं कॉल आने पर
बस तू पूछ लें हाल कैसा है


कर चुके हो डिलीट नम्बर को
ख़ैर तुमको मलाल कैसा है

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17 JUL 2022 AT 6:28

1222 // 1222 // 1222

शिफ़ा गम , हिज्र और तन्हाई चलती हैं

हमारे साथ क्यूँ रुसवाई चलती है




झगड़ कर थक चुके हैं यार हम दोनों

हमारे बीच अब तन्हाई चलती हैं।।

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